राजस्थान में 33 साल बाद ब्राह्मण सीएम, पहली बार भाजपा के दो डिप्टी सीएम

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जाट, मीणा और गुर्जर समाज की टूटी आस

जयपुर, 12 दिसंबर : राजस्थान में 33 साल बाद ब्राह्मण को सीएम बनाया है। भाजपा ने मंगलवार को सांगानेर विधायक भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री के पद पर बैठाया। भजन लाल से पहले हरिदेव जोशी आखिरी ब्राह्मण मुख्यमंत्री थे। उनके बाद दो बार भैरोङ्क्षसह शेखावत, तीन बार अशोक गहलोत और दो बार वसुंधरा राजे सीएम रही। इस बार भाजपा ने लोकसभा चुनावों के मध्यनजर और जातिगत समीकरण को साधते हुए ब्राह्मण विधायक को मुख्यमंत्री बनाया है। इसके साथ ही राजपूत और दलित समाज को लुभाने के लिए इन समाजों से दो डिप्टी सीएम बनाए। बता दे कि विद्याधर नगर से विधायक दीया कुमारी और दूदू विधायक डॉ. प्रेम चंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि जाट, मीणा और गुर्जरों को भाजपा ने नजरअंदाज किया। जबकि प्रदेश में इनकी आबादी सर्वाधिक है। उसके बावजूद इन्हें कोई पद नहीं देकर पार्टी ने नाराजगी ली है।

74 साल में 5 ब्राह्मण मुख्यमंत्री
राजस्थान की स्थापना 30 मार्च 1949 को हुई थी। तब से लेकर अब तक प्रदेश में पांच ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने है। सबसे पहले हीरालाल शास्त्री को मुख्यमंत्री पद पर मनोनीत किया गया था। उनके बाद जयनारायण व्यास, टीकाराम पालीवाल, हरिदेव जोशी और अब भजन लान शर्मा। प्रदेश के 74 साल के इतिहास में 5 बार सत्ता ब्राह्मणों के हाथ में रही है। हालांकि इस बार यह मौका 33 साल बाद मिला है। ऐसे में संघ से लेकर संगठन तक प्रदेश के विकास में नया इतिहास लिखने का प्रयास करेंगे।

बहुसंख्य जातियां नजरअंदाज
राजस्थान में जातिगत राजनीति का चलन बढ़ता जा रहा है। भाजप हो या कांग्रेस जातिगत समीकरण देखकर ही सीएम, डिप्टी सीएम, विधानसभा स्पीकर, संगठन प्रदेशाध्यक्ष और मंत्री बनाए जा रहे है। दोनों दलों का प्रयास रहता है कि बैलेंस में रहकर सब को मौका दे। लेकिन इस बार भाजपा ने प्रदेश की बहुसंख्य जातियों को नजरअंदाज किया है। खासकर जाट, मीणा और गुर्जर। प्रदेश में इन तीनों जातियों की आबादी सर्वाधिक है। उसके बादजूद भाजपा संगठन से लेकर नयी सरकार के गठन में इनकों कही भी जगह नहीं दी गई है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद पर सीपी जोशी, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, स्पीकर वासुदेव देवनानी और उपमुख्यंमत्री दीया कुमारी व प्रेम चंद बैरवा है।

भाजपा को भजन भाये
नये मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा पहली बार विधायक बने है। हालांकि संगठन में उनकी पकड़ मजबूत है। जिसका उनको फायदा मिला। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम पर सहमति जताई। जिसके बाद उनके सीएम बनाए जाने की आधिकारिक घोषणा की गई। वसुंधरा ने भजनलाल को गुलदस्ता देकर बधाई दी।

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