बोगस तरीके से राजनैतिक दलों को चंदा देने वालों की खैर नहीं -आयकर विभाग के निशाने पर तीन हजार से अधिक आयकरदाता

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-दो नंबर के पैसों को एक नंबर में करने का हो रहा था खेल
-जल्द दिए जाएंगे इन्कम टैक्स के नोटिस
जयपुर, 13 अप्रैल (ब्यूरो) : प्रदेश के ऐसे सैकड़ों आयकरदाताओं में हडक़म मचा हुआ हैं जिन्होंने राजनैतिक दलों को बोगस तरीके से चंदा देकर आयकर की छूट ली हैं। इस मामले में आयकर विभाग ने प्रदेश के तीन हजार से भी अधिक आयकर दाताओं को नोटिस जारी कर कहा हैं कि क्यों नहीं इस राशि को कर योग्य आय में जोड़ दिया जाए। जानकार सूत्रों की माने तो असेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए विभाग ने पिछले महीने तक ये नोटिस जारी किए है।
इस तरह के नोटिस देशभर में दिए गए हैं जिसमें कई हजार करोड़ का घोटाला बताया जा रहा हैं। पिछले साल आयकर विभाग ने तलाशी अभियान चलाकर कुल 23 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के यहां तलाशी अभियान चलाया था। यह भी जानकारी में आया है कि इस अभियान को अहमदाबाद में ज्यादा चलाया गया था, तलाशी के दौरान फर्जी चंदा रसीदों से संबंधित बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे, जिन पर तफ्तीश जारी है।

वैसे यह पता चला है कि राजनैतिक दल चेक, आरटीजीएस, एनआईएफटी के माध्यम से चंदे की राशि ली जाती और साढ़े तीन से 5 फीसदी राशि कमीशन के रूप में काटकर बाकी रकम नकद वापस चंदा देने वालों को लौटा दी जाती है। जिससे जहां चंदा देने वाले आयकर की छूट प्राप्त कर लेते, वहीं राजनैतिक दल अपनी दो नम्बर की राशि को एक नम्बर में आसानी से कर रहे थे। एक तरह से ये सैल संस्थाओं के रूप में काम कर रही हैं। यह भी सामने आया है कि इन दलों ने स्वीकार कर लिया हैं कि वे कमीशन काटकर चंदा देने वालों को नकद राशि लौटा देते थे। इसके बाद आयकर विभाग ने चंदा देने वालों को नोटिस देना शुरू किया।

प्रदेश के सभी बड़े शहरों में दिए नोटिस
प्रदेश में करीब-करीब सभी बड़े शहरों जैसे जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर, भरतपुर, दौसा, अलवर, टोंक में ऐसे लोगों को आयकर की धारा 148 के तहत नोटिस थमाए गए हैं। अकेले राजधानी जयपुर में एक हजार से अधिक नोटिस दिए गए हैं। विभाग ने इनकी असेसमेंट ईयर 2019-20 की आयकर रिटर्न को दुबारा से खोलना शुरू कर दिया हैं। संभवत: विभाग आगे के वर्षों की रिटर्नों को भी खंगालेगा। यही नहीं गड़बड़ी होने पर विभाग आयकर के साथ ब्याज और पेनल्टी भी वसूलेगा।

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