ब्रह्माकुमारीज संस्थान की डॉ. निर्मला दीदी का निधन,आबू के मुक्तिधाम में किया जाएगा अंतिम संस्कार

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कल शाम 4 बजे माउंट

70 से अधिक देशों में दिया अध्यात्म का संदेश

आबूरोड, 20 अक्टूबर (ब्यूरो): ब्रह्माकुमारीज संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका डॉ.निर्मला दीदी का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने अहमदाबाद के हॉस्पिटल में शुक्रवार सवेरे 11 बजे अंतिम सांस ली। वे कुछ समय से बीमार चल रहीं थीं। वे मात्र 27 वर्ष की आयु में संस्थान से जुड़ीं थी तथा कोर कमेटी मेंबर थी। शनिवार शाम 4 बजे माउंटआबू के मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुंबई के प्रसिद्ध व्यापारी परिवार में वर्ष 1935 में जन्मी डॉ. निर्मला दीदी बचपन से ही प्रतिभावान रहीं। बचपन में खेलकूद के साथ पढ़ाई में विशेष रुचि रखती थीं। वर्ष 1962 में आपने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। इसी वर्ष ब्रह्माकुमारीज के संपर्क में आईं। मुंबई में आपने 1962 में प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती से ज्ञान प्राप्त कर और आपके जीवन से प्रभावित होकर अध्यात्म के प्रति विशेष रुचि बढ़ गई। उन्होंने लंदन से शुरू हुआ राजयोग संदेश, 70 देशों में पहुंचाया उच्च शिक्षित होने के कारण तत्कालीन मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि ने डॉ.निर्मला दीदी को विदेश सेवाओं की जिम्मेदारी सौंपी। वर्ष 1971 में आप पहली बार लंदन पहुंचीं, जहां दादी जानकी के साथ कुछ समय सेवाएं देने के बाद आपने अफ्रीका, मॉरीशस, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर सहित 70 देशों में लोगों में अध्यात्म और राजयोग मेडिटेशन की अलख जगाई।

ऑस्ट्रेलिया अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा
अध्यात्म के क्षेत्र में आपकी विशेष सेवाओं को देखते हुए सरकार ने आपको ऑस्ट्रेलिया अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा। करीब 12 साल से आप संस्थान के माउंट आबू स्थित ज्ञान सरोवर परिसर की निदेशिका और तीन साल से संयुक्त मुख्य प्रशासिका की जिम्मेदारी संभाल रहीं थीं।

पश्चिमी संस्कृति में डूबे लोगों को भारतीय संस्कृति से जोड़ा
दृढ़ इच्छा शक्ति, आत्मबल, उच्च कोटि का चरित्र बल का परिणाम है कि आपने चंद वर्षों में हजारों लोगों को राजयोग के माध्यम से पश्चिमी संस्कृति से निकालकर भारतीय संस्कृति से जोड़कर उनके जीवन का सकारात्मक परिवर्तन किया।

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