इस साल नई दिल्ली के राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं इजिप्ट, यानी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी। कोविड-19 की शुरुआत से अब तक इजिप्ट करीब-करीब दिवालिया होता नजर आया है। कुल विदेशी कर्ज 170 अरब डॉलर और महंगाई दर करीब 25% हो चुकी है।
कई लोगों के जेहन में यह सवाल है कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुके भारत ने आखिर इतने अहम मौके पर चीफ गेस्ट के तौर पर अल सिसी को ही क्यों चुना। भारत चाहता क्या है और इससे उसे क्या फायदा होगा। यहां हम कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब दे रहे हैं।
तिहास की बात और देश हित
आजादी के बाद का इतिहास देखें तो ये पहली बार होगा जब इजिप्ट का कोई लीडर रिपब्लिड डे सेरेमनी में चीफ गेस्ट बन रहा है। अरब देशों में उसकी आबादी सबसे ज्यादा (करीब 10.93 करोड़) है। इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) में इजिप्ट आतंकवाद और कट्टरता के खिलाफ सबसे बड़ी आवाज है। भारत और इजिप्ट के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन एस्टेबिलिश हुए भी 75 साल हो चुके हैं।
अरब देशों में भारतीयों की बहुत बड़ी तादाद है। यहां इंडियन डायस्पोरा न सिर्फ मजबूत है, बल्कि उसका काफी सम्मान भी है। सऊदी अरब और UAE के बाद अब भारत पूरे अरब वर्ल्ड में साख बनाना चाहता है।
सभी गल्फ कंट्रीज और खासतौर पर सऊदी अरब, UAE और बहरीन से भारत के बहुत अच्छे ताल्लुकात हैं। इनके इजिप्ट से भी करीबी रिश्ते हैं। लिहाजा, भारत खाड़ी देशों में बड़ी मिलिट्री, IT और टेक्नो पावर बन सकता है।
यहां चीन भी पैर पसारने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अमेरिका और यूरोपीय देश चाहते हैं कि भारत यहां बड़ा रोल प्ले करे।