उदयपुर के नेला तालाब में एक साथ मरीं कई मछलियां

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उदयपुर, 19 अक्टूबर (ब्यूरो): शहर के समीप स्थित नेला तालाब में एक साथ कई मछलियां मर गईं। गुरुवार सुबह जब लोग तालाब की पाल किनारे घूमने निकले तो वह यह दृश्य देखकर चिंतिंत हो उठे। उन्होंने देखा कि तालाब किनारे कई मछलियां तथा अन्य जलचर मरे पड़े हैं।
नेला तालाब की पाल पर भ्रमण करने वाले पर्यावरण प्रेमी जयंत पालीवाल एवं अन्य लोगों ने बताया कि गुरुवार सुबह जब वह नेला तालाब की पाल पर भ्रमण करने आए तो देखा कि नेला तालाब के किनारे छोटी—बड़ी मछलियों का झुण्ड मृत तैरता दिखा तो वह हैरान रह गए। लोगों ने यह भी बताया कि वह दैनिक रूप से मछलियों को दाना डालते हैं, किन्तु गुरुवार को किसी भी मछली ने दाना नहीं खाया। तालाब किनारे मछलियां, झींगाओं को लोगों ने तड़पते भी देखा। छोटी मछली ही नहीं, बल्कि 3 से 4 फिट लंबी मछलियां अधमरी हालत में पानी में उलटी दिखाई दे रही थी। वह पानी की सतह पर बैचेन दिखा रही थी। ऐसा लोगों ने पहली बार देखा। लोगों ने कहा, यदि ऐसे ही हालात रहे तो नेला तालाब से जलचर खत्म हो जाएंगे।

लोगों ने आशंका जताई पानी हो गया गंदा
लोगों ने आशंका जताई कि नेला तालाब का पानी प्रदूषित हो चुका है। जिसमें सीवरेज का पानी या केमिकल युक्त पानी मिल चुका है। जिसके चलते पानी मं आॅक्सीजन की कमी के चलते मछली तथा अन्य जलचरों का जीवन प्रभावित होने लगा है। लोगों ने कहा कि पानी दूषित होने के साथ उपर से हरा दिखने लगा है। उससे दुर्गंध भी आने लगी है। मछलियों के मरने के कारण बदबू भी तेजी से बढ़ रही है। लोगों ने कहा, यदि समय रहते नेला तालाब की सफाई का काम नहीं किया गया तो मछलियां और जलचर ही नहीं, बल्कि मछलियों को खाने वाले बगुले, बतख एवं अन्य जलचर भी मरने लगेंगे। वहीं नेता तालाब का पानी उपयोग लेने वाले लोग भी चर्मरोग के शिकार हो सकते हैं। इस मामले में सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने जबाव नहीं दिया लेकिन नगर निकाय के अधिकारियों का कहना है कि पानी के प्रदूषण की जांच कराई जाएगी, ताकि पता लगे कि मछलियां किस वजह से मारी गई।

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