टोंक से सचिन पायलट के चुनाव लडऩे से देश की निगाहें है। पायलट को रोकने के लिए भाजपा ने स्थानीय उम्मीदवार अजीत सिंह मेहता को उतारा है। मेहता ने पायलमेहताट को गांव-गांव व घरों-घरों पर जाने को मजबूर कर दिया पर पायलट के विजय रथ को रोकना असंभव लग रहा है। कांग्रेस के भारत वर्ष के हीरों माने जाने वाले पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा टोंक से चुनाव लड़ रहे हैं। टोंक का इतिहास रहा है कि इस सीट से दुबारा चुनाव कोई नहीं जीता, यहां यह भी इतिहास रहा है कि जब-जब कांग्रेस उम्मीदवार के सामने मुस्लिम बागी बगावत कर चुनाव लड़ा, तब तक कांग्रेस हारी है। पर इस बार मुस्लिम बागी उम्मीदवार के नहीं होने से पायलट को फायदा पहुंच रहा है। गत चुनाव में पायलट के सामने भाजपा ने युनूस खान को चुनाव मैदान में उतारा था, जो कि लगभग 54 हजार वोटों से युनूस खान चुनाव हार गए थे। इस बार भाजपा केेस्थानीय उम्मीदवार अजीत सिंह मेहता ने स्थानीयता का दांव खेल कर दम खम के साथ चुनाव प्रचार में मजबूती से उभरे कि सचिन पायलट जैसी बड़ी लगभग डेढ़ सौ गांवों का दौरा और शहर में लगभग 50 से नामचीन लोगों के घर पर चाय पर जाने पर मजबूर कर दिया, लेकिन भाजपा 54 हजार वोटों का तोड़ नहीं पाएगी, क्यों कि जातिगत समीकरण पायलट के पक्ष में जाति दिख रहे है। मुस्लिम, गुर्जर, माली एवं एससी वर्ग सीट दे। माली समाज भाजपा का वोट बैंक माना जाता है पर इस बार पायलट ने पूरी कोशिश की है कि माली वोटों में सेंध लगे, अब कितनी लगा पायेगी, ये तो चुनाव परिणाम बताएंगे । भाजपा के अजीत सिंह मेहता के अथक प्रयासों के बाद भी सचिन पायलट का विजय रथ रुकता दिखाई नहीं दे रहा है । पायलट का यह भी प्रयास है कि गत चुनाव से ज्यादा वोटों से चुनाव जीत सकू।
2023-11-24