गहलोत बोले- यूपीए राज होता तो गजेंद्रसिंह जेल में होते

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के सियासी संकट को याद करते हुए कहा कि मोदी और अमित शाह का मॉडल चुनी हुई सरकारों गिराने का है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा मणिपुर में क्या-क्या नहीं हुआ। यहां पर राजस्थान में सरकार गिराने की पूरी ट्राई कर ली। सरकार गिराने विधायकों को जो पैसा दिया था। वह अब तक वापस नहीं लिया है। इनके पास पैसे की कमी नहीं है। सीएम अशोक गहलोत रविवार सुबह राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।

गहलोत ने कहा- हमारी सरकार गिराने के लिए पहली किश्त के 10-10 करोड़ रुपए दे रहे थे। हमारे साथ के विधायक होटल से बाहर जाते तो पहली किश्त के 10 करोड़ दे रहे थे। मेरे साथ का कोई विधायक नहीं गया। हमारी सरकार बचाई, इससे बड़े गर्व की बात क्या होगी?

पायलट खेमे पर तंज

गहलोत के इस बयान को सचिन पायलट खेमे पर इशारों में तंज माना जा रहा है। गहलोत ने पायलट खेमे के कांग्रेस विधायकों को पैसा देकर खरीदने के आरोप लगाए थे। गहलोत ने उसी तरफ इशारा किया है कि उस वक्त का पैसा अभी भी विधायकों से वापस नहीं लिया है।

नियम से चलते हैं नहीं तो हम कभी गजेंद्र को अंदर धर देते
सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह पर ​जुबानी हमला बोलते हुए कहा- आज अगर यूपीए सरकार होती तो केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह जेल की सलाखों में बंद होता। राजस्थान में हमारी परंपरा नहीं है। न्याय मिले तो वह होता हुआ दिखना भी चाहिए। पुलिस हो या एसओजी हमारी कार्रवाई स्टेप बाय स्टेप चलती है वरना कभी इनको अंदर धर देते। संजीवनी घोटाले में जो मुल्जिम पकड़े गए उनकी तरह ही गजेंद्र सिंह अंदर बंद हो सकते थे यह सोचना चाहिए।

आज सरकार की आलोचना करो तो देशद्रोही कहते हैं

गहलोत ने कहा- देश में आज जो माहौल बना हुआ है। वह चिंताजनक है। अगर देशवासियों ने अभी चिंता नहीं की तो सबको भुगतना पड़ेगा। सरकार किसी की हो वह संविधान की मूल भावना के हिसाब से काम नहीं करे तो सबको भुगतना पड़ता है। आज देश में संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ रही है। केंद्र सरकार की आलोचना कर दे, वह देशद्रोही है। यह थी चल रही है इसे उचित नहीं कहा जा सकता है। आलोचना लोकतंत्र में गहने की तरह है। विपक्ष है तारे सरकार अच्छा काम कर पाती है,यह भावना होनी चाहिए। मैं यही भावना रखकर राजस्थान में काम करता हूं।

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