सीएम ने प्रदेश के सभी जिलों केएसपी-कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से उनके क्षेत्र का लिया फीडबैक

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जन कल्याणकारी योजनाएं लोगों तक पहुंचे, माफिया राज का हो खात्मा
-मंहगाई राहत कैंप सरकार की प्राथमिकता, मुख्यमंत्री बोले-सुशासन प्रदेश बने राजस्थान
जयपुर, 20 अप्रैल (विशेष संवाददाता) : सरकार अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी है और इसको लेकर सीएम अशोक गहलोत लगातार मैराथन मीटिंग कर आम लोगों तक अपनी व सरकार की पहुंच बनाने की जद्दोजहद में लगे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को वह आरआईसी ऑडिटोरियम में प्रदेशभर के जिलों के एसपी, कलेक्टर, आईजी सहित अन्य आईएएस, आईपीएस से रूबरू हुए। करीब डेढ़ घंटे में सीएम ने सभी अधिकारियों से उनके क्षेत्र का फीडबैक लिया और लोगों तक जनकल्याणकारी योजनाएं पहुंचाने के लिए काम करने को कहा। साथ ही महंगाई राहत कैंप को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए 24 अप्रैल से इसके शुरू होने पर इसे सफल कराने की जिम्मेदारी भी सौंपी। सीएम गहलोत ने साफ शब्दों में कहा कि सरकार का चेहरा अधिकारी हैं और इसके चलते प्रदेश में सुशासन की स्थापना एवं माफियाराज खत्म करने के लिए उन्हें ठोस तरीके से काम करना होगा।

इस मीटिंग के माध्यम से सीएम ने सबसे पहले कलेक्टर, एसपी से जिलेवार जानकारी लेते हुए वहां के हालात, लोगों की मानसिकता और सरकारी योजनाओं के अलावा अपराध के मुद्दे को समझने का प्रयास किया। हालांकि अधिकारियों ने सरकार के काम की प्रशंसा ही की और जहां कमी है उसे पूरा करने का भरोसा भी दिया। मीटिंग में अधिकारियों को महंगाई राहत कैंप से संबंधित प्रोफार्मा भी दिया गया। साथ ही उन्हें सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना का लॉजिक भी समझाया।

विपक्ष लगातार सुरक्षा को लेकर मुद्दा उठा रहा है इसके चलते सीएम ने पुलिस को कहा है कि भले ही एफआईआर की संख्या बढ़ जाए, लेकिन लोगों की शिकायत दर्ज करनी चाहिए। साथ ही अमन-चैन के दुश्मनों से सख्ती से निपटें। पुलिस अपने क्षेत्र में सुनिश्चित करे कि आम लोगों को किसी भी कारण से असामाजिक तत्वों से कोई दिक्कत ना हो। उनकी समस्याओं का जल्द निदान हो और लंबित मामलों का भी जल्द से जल्द निदान करने की कोशिश की जाए। इसके अलावा सीएम ने सभी कलेक्टर्स को कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ आखिरी पंक्ति में बैठे हर व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। पात्र को योजनाओं का लाभ दिलवाना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। इस कार्य में वह लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। सीएम ने साफ शब्दों में कहा कि सरकार अब किसी भी प्रकार के घोटाले बर्दाश्त नहीं करेगी और जो गलत काम करेगा तो उस पर कार्रवाई करने में जरा भी गुरेज नहीं किया जाएगा। मीटिंग में मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा भी मौजूद थे।

कैंप को सफल बनाना अधिकारियों की जिम्मेदारी
इस पूरी मीटिंग से एक बात सामने निकल कर आई कि सरकार का पूरा फोकस महंगाई राहत कैंप पर है। इस कैंप के माध्यम से वह लोगों को दस सुविधाएं देने जा रही है और यह हर पात्र लोगों तक पहुंचे इसको लेकर सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। इसी के चलते सीएम ने सभी जिला अधिकारियों व उनके सीनियर्स को साफ शब्दों में कहा कि वह धरातल पर जाकर काम करें। 24 अप्रैल से कैंप लगना शुरू हो जाएंगे और इसके चलते लोग अपना पंजीकरण कराकर जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकें इसके लिए सिस्टम विकसित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। हालांकि इस काम में कांग्रेस वर्कर भी कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे।

बजरी माफिया पर शिकंजा कसने की कवायद
बताया जाता है कि सीएम ने योगी आदित्यनाथ की स्टाइल में माफियाओं को धमकाने की शुरुआत कर दी है। वहीं अब वह अधिकारियों को भी निर्देश दे रहे हैं कि वह अपने-अपने एरिया में माफियागिरी करने वालों पर शिकंजा कसें। लोगों का शोषण नहीं होना चाहिए और माफिया राज प्रदेश में अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पायलट ने खनन घोटाला का जो मामला उठाया उसके चलते चर्चाएं चल रहीं हैं कि इससे सरकार की इमेज खराब हो रही है। सरकार लोगों के बीच बजरी माफिया से उनकी नजदीकियों की चर्चाओं पर पूर्णतया विराम लगाने के लिए बड़े स्तर पर कार्रवाई करने की सोच रही है।

दो-तीन अधिकारी पहुंचे देरी से तो सीएम ने कहा-क्या मैं जल्दी आ गया…
सुबह आरआईसी ऑडिटोरियम में जब सीएम गहलोत वहां पहुंचे तो दो-तीन अधिकारी उनके सामने वहां पहुंचे। इस पर उन्होंने कहा कि क्या मैं कार्यक्रम में जल्दी आ गया। बताया जा रहा है कि देरी से आने वालों में बीकानेर आईजी भी शामिल थे। वहीं देरी से आने पर इन्हें घुडक़ी भी दी गई।

पुलिस को फ्री हैंड और गुड गर्वनेंस पर जोर
इस पूरी मीटिंग के दौरान सीएम ने संदेश दिया कि वह पुलिस को फ्री हैंड देकर अपराधियों की कमर तोडऩे का मन बना चुके हैं। नकल माफिया, पेपर लीक माफिया, बजरी माफिया, वसूली माफियाओं पर पुलिस अब कोई समझौता नहीं करेगी। साथ ही सीएम ने गुड गर्वनेंस पर जोर दिया है।

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