जयपुर, 17 मार्च। एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल में वकीलों के खिलाफ कोर्ट परिसर में ही अपराध होने पर ही उन्हें इस कानून का संरक्षण देने और उनके खिलाफ क्लाइंट की ओर से मुकदमा दायर करने की छूट देने के प्रावधान के विरोध में वकीलों ने बिल में संशोधन की मांग की है। इसे लेकर भाजपा से जुडे कुछ वकीलों ने हाईकोर्ट के बाहर प्रोटेक्शन बिल की कॉपी जलाई। वहीं संघर्ष समिति ने चेतावनी देते हुए सूचना जारी की है कि यदि संघर्ष समिति की ओर से निर्धारित कार्यक्रम के अतिरिक्त यदि किसी अधिवक्ता की ओर से कोई अन्य कार्यक्रम या गतिविधि की गई तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक व दी बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष कमल किशोर शर्मा ने बताया कि बिल में संशोधन के लिए संघर्ष समिति की शुक्रवार को बैठक हुई। बैठक में राज्य सरकार से बिल में संशोधन वाले बिन्दुओं पर वार्ता करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान कई वकील हाईकोर्ट के गेट नंबर दो से लेकर चार नंबर गेट तक इक_ा हो गए। इसके बाद वकील अंबेडकर सर्किल की ओर बढने लगे तो पुलिस ने उनकी समझाइश कर वापस भेजा।
विधि मंत्री से बीसीआर चेयरमैन ने की वार्ता-बिल में जरुरी संशोधनों के लिए बीसीआर चेयरमैन घनश्याम सिंह राठौड और एएजी डॉ. विभूति भूषण शर्मा ने विधि मंत्री शांति धारीवाल से वार्ता की। मंत्री धारीवाल ने उन्हें और संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों को शनिवार को प्रमुख विधि सचिव के साथ वार्ता करने के लिए कहा है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रहलाद शर्मा ने बताया कि गत 15 मार्च को विधि मंत्री की ओर से विधानसभा में एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल रखा गया। इसमें प्रावधान किया गया है कि वकील के खिलाफ अदालत परिसर में अपराध होने पर ही प्रोटेक्शन एक्ट का लाभ मिलेगा। इसके अलावा बिल में क्लाइंट को भी वकील के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का अधिकार दिया गया है।
2023-03-18