जयपुर, 22 मार्च (ब्यूरो) : राजस्थान में अब 6 से 12वीं तक के करीब करोड़ स्टूडेंट्स को 30 फीसदी कम सिलेबस पढऩा पड़ेगा। कोरोना काल के बाद स्टूडेंट्स पर पढ़ाई के दबाव को कम करने के लिए सिलेबस में यह कटौती की गई है। कम सिलेबस वाली नई किताबें इसी सेशन में बच्चों को पढऩे के लिए मिल जाएंगी। राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल ने बुधवार से इन किताबों का वितरण शुरू कर दिया।
मंडल के सचिव विनोद पुरोहित ने बताया कि एनसीईआरटी की तर्ज पर कक्षा 6 से 12वीं तक की किताबों के सिलेबस में 30 फीसदी कटौती की गई है, ताकि कोरोना काल के बाद स्टूडेंट्स पर किसी तरह का दबाव न बने। साथ ही वे अच्छी व गुणवत्तायुक्त शिक्षा हासिल कर सकें। यह सिलेबस नए शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लागू होगा।
उन्होंने बताया कि पाठ्यपुस्तक मंडल की ओर से एक्सपर्ट कमेटी की देखरेख में ही विषय वार अनुपात के आधार पर सिलेबस में कटौती की गई है। सिर्फ कठिन या सिर्फ सरल टॉपिक को नहीं हटाया गया है। बल्कि पूरे सिलेबस को आनुपातिक रूप से कम किया गया है, ताकि स्टूडेंट्स फोकस होकर अच्छे से पढ़ाई कर सकें। राजस्थान की जो भी स्कूल राजस्थान शिक्षा बोर्ड द्वारा एफिलिएटेड हैं, वहां पाठ्यपुस्तक मंडल की किताबें ही मान्य होंगी।
30 फीसदी तक कटौती क्यों?
राजस्थान में पाठ्य पुस्तकमंडल द्वारा एनसीईआरटी की तर्ज पर ही सिलेबस तैयार किया जाता है। इस बार एनसीईआरटी ने अपने सिलेबस में 30 फीसदी तक की कटौती की है। ऐसे में राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल भी अपनी किताबों में 30 फीसदी तक की कटौती कर रहा है। यही सिलेबस नए शैक्षणिक सत्र में कक्षा 6 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स को पढऩे को मिलेगा।
एनसीईआरटी से बेहतर क्वालिटी
पुरोहित ने बताया कि राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल की किताबें एनसीईआरटी से बेहतर क्वालिटी की है। लेकिन स्टूडेंट्स को पाठ्यपुस्तक मंडल की ज्यादा जानकारी न होने से वे बाजार में एनसीईआरटी की किताबों को खरीदना पसंद करते हैं। जबकि पाठ्यपुस्तक की मंडल की किताब एनसीईआरटी से ज्यादा अच्छी क्वालिटी की तैयार कराई जा रही है।