तीन दिवसीय राजस्थान साहित्य उत्सव : जोधपुर में लगेगा 25 मार्च से साहित्य धाराओं का महाकुंभ, लोगो का विमोचन

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जोधपुर। राजस्थान की रंगारंग लोक संस्कृति और समृद्ध साहित्य परम्पराओं के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने तथा साहित्य जगत की विभिन्न विधाओं से जुड़े सृजनधर्मियों के प्रोत्साहन के लिए राजस्थान सरकार की अभिनव पहल के अन्तर्गत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा वर्ष 2019-20 के क्रियान्वयन के अन्तर्गत आगामी 25 मार्च से जोधपुर के जनाना बाग में राजस्थान साहित्य उत्सव-2023(राजस्थान लिटरेचर फेस्टिवल) आयोजित होगा।
कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में राजस्थान साहित्य उत्सव के लोगो का विमोचन किया। इस दौरान् डॉ. कल्ला ने बताया कि जोधपुर में आयोजित इस बहुआयामी Óसाहित्य कुंभÓ में कवि सम्मेलन, मुशायरा, राजस्थानी काव्यपाठ सहित विभिन्न साहित्यिक व सांस्कृतिक आयोजन किए जाएंगे। इसमें पुस्तक मेला, हस्तशिल्प मेला और खान-पान स्टॉल्स की भी व्यवस्था रहेगी। साहित्य कुंभ का समापन 27 मार्च को भव्य सांस्कृतिक समागम के साथ होगा।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कला एवं संस्कृति विभागीय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने राजस्थान साहित्य उत्सव को प्रदेश की संस्कृति, साहित्य व पर्यटन को बढ़ावा देने में बड़ा योगदान निभाने वाला बताया और कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप इससे प्रदेश के युवा साहित्यकारों को सशक्त मंच प्राप्त होने के साथ ही राजस्थान के साहित्य को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। उन्होंने बताया कि उत्सव में राज्य व राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध साहित्यकारों, कवियों व शायरों को आमंत्रित किया गया है।
इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की साहित्यिक पहचान को और मजबूत करने और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राजस्थान साहित्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कला एवं संस्कृति विभाग का प्रयास रहेगा कि राजस्थान साहित्य अकादमी, उर्दू अकादमी, संस्कृत अकादमी, नेहरू बाल साहित्य अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी समेत सभी अकादमियां व प्रदेशवासी मिलकर आयोजन को सफल बनाएंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह आयोजन भविष्य में राजस्थान की पहचान बनकर उभरेगा। राजस्थान साहित्य उत्सव से अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित किए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर कैम्पेन चलाया जा रहा है। उत्सव के दौरान देश भर से व विदेशों से साहित्यानुरागी जोधपुर पहुंचेंगे। इससे जिले में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी, जिससे स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
बहुद्देशीय भूमिका दर्शाएगा बहुआयामी उत्सव
राजस्थान साहित्य उत्सव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य की समृद्ध साहित्यिक परम्परा से नई पीढ़ी को अवगत कराने के साथ ही राजस्थान के साहित्यिक अवदान को वैश्विक पटल पर स्थापित करने वाले साहित्यकारों पर सार्थक चर्चा और विमर्श के साथ नये और युवा साहित्यकारों को एक प्रभावी और सशक्त मंच उपलब्ध करवाना है।
समृद्ध साहित्य परंपरा का धनी है राजस्थान
उल्लेखनीय है कि राजस्थान की साहित्यिक परम्परा में जहॉं एक ओर मीरा, सूर्यमल्ल मिश्रण, बॉंकीदास, नरहरिदास बारहठ, शिवचन्द भतिया (राजस्थानी भाषा के पहले उपन्यास लेखक), सीताराम लालस, विजयदान देथा, कन्हैयालाल सेठिया जैसे साहित्य चिन्तक एवं मनीषी वैश्विक साहित्यिक परम्परा के दैदीप्यमान नक्षत्र हैं। वहीं दूसरी ओर हिन्दी में चन्द बरदाई, लज्जाराम मेहता, विजय सिंह पथिक, रांगेय राघव, यादवेन्द्र शर्मा (चन्द्र) जैसे लब्ध प्रतिष्ठ विद्वानों ने हिन्दी लेखन में नये प्रतिमान स्थापित कर एक कीर्तिमान बनाया है। राजस्थान साहित्य उत्सव को लेकर सभी संबंधित विभागों एवं संस्थाओं द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारियां आरंभ कर दी गई हैं।

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