प्रदेश मेंं अब डायबिटीज के मरीजो को चिरंजीवी योजना के तहत इलाज हो सकेगा साथ ही इसके इलाज में आ रही नई तकनीक के इलाज का फायदा भी मिल सकेगा। इसके लिए सीएम ने हाल ही में घोषणा कर डायबिटीज के पंप को चिरंजीवी में शामिल किया है। ये पंप बाजार में 2.5 लाख से 8 लाख रुपए तक आते हैं।
एसएमएस हॉस्पिटल में एंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संजय सारण ने बताया कि टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित मरीज को रोज 2 से लेकर 4 बार इंसुलिन के इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं।
हॉस्पिटल में रोज 1 नया मरीज डायबिटीज का फेस कर रहे हैं। इसमें ज्यादातर युवा है। इनके अलावा 3 से 6 साल और कुछ 35 साल या उससे ज्यादा एजग्रुप के हैं। ये बीमारी एक पैरेंटल भी है। इसके अलावा लाइफ-स्टाइल बदलने और खान-पान शुद्ध नहीं होने के कारण ये बीमारी पिछले 15 साल में बहुत तेजी से बढ़ने लगी है।
बार-बार इंजेक्शन लगाने की पीड़ा को दूर करने के लिए बाजार में अब इंसुलिन पंप आने लगे हैं। उनकी लागत और उनका रखरखाव अभी बहुत महंगा है। एक पंप लगाने के लिए 2.5 से 8 लाख रुपए लगते हैं। जबकि उसमें हर महीने इंसुलिन के कार्टेज, कैनुला बदलने पर 10 से 15 हजार रुपए या उससे भी ज्यादा का खर्चा आता है। सरकार अब इस पंप को चिरंजीवी योजना के पैकेज में शामिल कर रही है।
इसके साथ ही कॉकलियर इंप्लांट के रिप्लेसमेंट काे भी पैकेज में शामिल किया जा रहा है। वर्तमान में कॉकलियर इंप्लांट चिरंजीवी योजना के तहत फ्री लगाया जाता है, लेकिन अगर किसी मरीज के ये मशीन समय से पहले खराब हो जाती है। उसे रिप्लेस किया जा सकेगा।
2023-03-19