अधिवक्ता जुगराज चौहान हत्याकांड: हाईकोर्ट व लोअर कोर्ट में नहीं हुई सुनवाई,अधिवक्ताओं के समर्थन में आई विधायक दिव्या मदेरणा

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वकीलों की हड़ताल से न्यायिक कार्य हो रहे प्रभावित

जोधपुर। माता का थान थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े सरेराह हुई वकील की हत्या मामले में गुरुवार को भी शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया। परिजन व हाईकोर्ट की दोनों एसोसिएशन के वकील धरने पर बैठे है। हालांकि शव ना लेने के चलते प्रशासन की अधिवक्ताओं व परिजनों के प्रतिधि मण्डल के साथ एक दिन पहले सकारात्मक वार्ता भी हुई। प्रशासन ने कुछ मांगें मानने का प्रस्ताव रखा। प्रशासन की ओर से सरकार को मांगों का प्रस्ताव बना कर भेजा गया है। साथ ही पुलिस उपायुक्त पूर्व की ओर से मामले में फास्ट व निष्पक्ष अनुसंधान के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा। इसके बावजूद कुछ अधिवक्ता सहमत नहीं हुए जिसके चलते छठे दिन भी अधिवक्ता का शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में ही रहा। वकीलों का कहना है कि एक करोड़ का मुआवजा व सरकारी नौकरी का लिखित में आदेश नहीं दिया जाता तब तक हड़ताल समाप्त नहीं होगी। इधर वकीलों की हड़ताल के चलते हाईकोर्ट व लोअर कोर्ट में सुनवाई व अन्य कार्य नहीं हो सके।
भदवासिया में मंदिर वाला बेरा निवासी अधिवक्ता जुगराज चौहान की गत १८ फरवरी की देर शाम चाकू धोंपने के बाद पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी गई थी। तब से शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में है। परिजन सोमवार दोपहर मोर्चरी के बाहर सड़क पर धरना देकर बैठ गए थे जो अभी तक जारी है। हत्या के मामले में मृतक के भतीजे अनिल चौहान व मुकेश चौहान को माता का थान पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बुधवार शाम को प्रशासन ने अधिवक्ता व परिजनों के प्रतिनिधि मण्डल के साथ वार्ता की जिसमें विशिष्ट आर्थिक स्थिति के चलते राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने, अधिवक्ता के एक आश्रित को संविदा नौकरी, परिवार की सुरक्षा के लिए दो-दो पुलिसकर्मी तैनात करने, मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच के लिए एसआइटी गठित करने पर सहमति जताई गई। इसके बावजूद अधिवक्ताओं ने पूरी मांगे मानने की बात कही। इसको लेकर आज दोपहर बैठक भी हुई।
राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी ने बताया कि आज भी उच्च न्यायालय व अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक कार्यो का बहिष्कार किया गया। इससे अदालतों में कामकाज प्रभावित हुआ। अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते जिला न्यायालय परिसर में सन्नाटा छाया रहा, किसी भी कोर्ट में न्यायिक कार्य आगे नहीं बढ़ पाया हालांकि पीठासीन अधिकारियों ने अपने काम निपटाए वही न्यायालय परिसर में चाय की थडियां, फोटो स्टेट स्टाफ की दुकानों सहित संबंधित सभी व्यक्तियों ने हड़ताल के समर्थन में बंद रखा।

अधिवक्ताओं के समर्थन में आई विधायक दिव्या मदेरणा
डीसीपी को निलंबित करने की मांग दोहराई
जोधपुर। ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने जोधपुर में चल रहे अधिवक्ताओं के आंदोलन को समर्थन देते हुए उनकी मांग को जायज बताया है। साथ ही विधायक मदेरणा ने एक बार फिर डीसीपी को निलंबित करने की मांग की है। दिव्या ने कहा कि अगर लापरवाही पर जिम्मेदारी तय नहीं होगी तो हम जनता में विश्वास खो देंगे।
विधायक मदरेणा ने गुरुवार को एक बाद एक ट्वीट करते हुए कहा कि अधिवक्ताओं की मांग जायज है और मुझे लगता है कि सरकार को जल्द वार्ता कर इनकी मांगें स्वीकार करनी चाहिए। दिव्या ने वकील जुगराज चौहान की हत्या को दिल दहलाने वाली घटना बताते हुए लिखा कि इस घटना का वीडियो देखने पर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गईं हैं। इस भयावह कांड में पुलिस की कार्यशैली संदेह के घेरे में हैं। डीसीपी पूर्व को तुरंत सस्पेंड करना चाहिए क्योंकि जिस व्यक्ति के खिलाफ जुगराज ने जान का खतरा होने कि शिकायत की थी, उसने ही उनकी हत्या की।
दिव्या ने ट्वीट किया कि भय बिना प्रीत नहीं, हमें पुलिस की लापरवाही पर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़े निर्णय लेने पड़ेंगे और सरकार में रहते हुए अपराध को रोकने के लिए भी बहुत सख़्त रुख़ अपनाना पड़ेगा। एक व्यक्ति को दिनदहाड़े चाकू घोंपकर सिर पर पत्थर से वारकर मार डाला गया। एक व्यक्ति अपनी जान से चला जाता है। उसके बच्चे अनाथ हो जाते हैं और हम पुलिस प्रशासन की लापरवाही पर उसकी जिम्मेदारी तक तय नहीं करेंगे तो जनता में विश्वास खो देंगे।

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