पोक्सो एक्ट में 20 साल की सजा 30000 का अर्थ दंड

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बारां 14 अक्टूबर विशिष्ट न्यायालय पोक्सो क्रम 2 के न्यायाधीश राजेश गुप्ता (ज़िला न्यायाधीश संवर्ग) ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए मुलजिम को 20 साल की सजा तथा ₹30,000 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। साथ ही पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर स्किम के तहत चार लाख रुपए भी देने की अनुसंशा की है।

विशिष्ट लोक अभियोजक हरि नारायण सिंह ने बताया कि प्रकरण में नाबालिग पीड़िता के पिता ने थाने पर एक रिपोर्ट पेश कर अपनी नाबालिग पुत्री के गायब होने की सूचना दी थीं। थाने ने अपने अनुसंधान के बाद हरनावदाशाहजी का राजेश उर्फ राजेंद्र को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ चालान पेश किया था। इस पर न्यायालय में विचारण करते हुए गवाहों के बयान लेखबद्ध कर मुलजिम राजेश के खिलाफ दोष सिद्ध मानते हुए पोक्सो अधिनियम की धारा 5(L)/6 में उसे 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

विशिष्ट लोक अभियोजक हरि नारायण सिंह ने बताया कि अवयस्क पीड़िता को दिलाए जाने वाले प्रतिकर का निर्धारण भी इसी न्यायालय द्वारा किया जाना है। पीड़िता के साथ घटित अपराध की प्रवृत्ति के लिए पीड़िता पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव व पीड़िता की आयु और अवस्था को दृष्टिगत रखते हुए पीड़िता को जुर्माना राशि 30000 के अतिरिक्त चार लाख रुपए दिलाए जाने की भी अनुशंसा की है।

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