पायलट के बंगले पर रोने लगीं वीरांगनाएं:बोलीं- हमें भी गोली मार दीजिए, बदसलूकी तो मत कीजिए; सचिन ने कहा- पुलिस ने गलत किया

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जयपुर में वीरांगनाओं के साथ पुलिस की बदसलूकी का मामला तूल पकड़ने लगा है। पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं ने सोमवार को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से मुलाकात की और न्याय की मांग की। वीरांगनाओं ने रोते हुए पायलट से कहा- हमारे साथ पुलिस ने बहुत बुरा बर्ताव किया है। हमारे पति देश की रक्षा के लिए शहीद हुए। हमें भी गोली मार दीजिए। इस तरह बदसलूकी तो मत कीजिए।

सोमवार दोपहर करीब 1.45 बजे सिविल लाइंस (राजभवन के पीछे) स्थित पायलट के सरकारी आवास पर अचानक पहुंचीं वीरांगनाओं को एक बार सुरक्षाकर्मियों ने रोकने का प्रयास किया। इनकी संख्या तीन-चार थी। वीरांगनाएं सुरक्षाकर्मियों से उलझ गईं। इसके बाद वो अंदर जाकर बैठ गईं। कुछ ही देर में सचिन पायलट वीरांगनाओं से मिले। उनके साथ जमीन पर बैठ कर बात की। वीरांगनाओं को पायलट के बंगले पर खाना खिलाया गया।

पायलट बोले- बदसलूकी के जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो
सचिन पायलट ने कहा- वीरांगनाओं के साथ जिस तरह बदसलूकी हुई है, उसके जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो। पूरे देश ने देखा है कि किस तरह वीरांगनाओं के साथ पुलिस ने बर्ताव किया। वह निंदनीय है। वीरांगनाओं के साथ इस तरह की बदसलूकी अस्वीकार्य है। माना कि मांगें पूरी करने में समय लग सकता है, लेकिन वीरांगनाओं के साथ खींचतान करना, बदसलूकी करना गलत है। जिन महिलाओं का हम वीरांगना कहकर सम्मान करते हैं, उनके साथ पुलिस इस तरह का व्यवहार करे वह ठीक नहीं है।
पार्टी-पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर काम करना चाहिए
पायलट ने कहा- जिन लोगों ने देश के लिए शहादत दी है। सारी सीमांए लांघकर उनकी मांगों को पूरा करना पड़ेगा। इनसे किए जो वादे पूरे नहीं हुए। उन्हें हर हाल में पूरा किया जाना चाहिए। सरकार चाहे केंद्र की हो या राज्य की, मांगें पूरी करें।

दूसरों के लिए नियम बदले जा सकते हैं तो वीरांगनाओं के लिए क्यों नहीं?

पायलट ने कहा- कोई पीड़ित और दुखी है। सरकार यह बोल दे कि प्रावधान नहीं है तो यह ठीक नहीं है। जब दूसरों के लिए प्रावधान बदले जा सकते हैं। इनके लिए भी प्रावधान बदलकर रास्ता निकाला जा सकता है। काम करने की इच्छाशक्ति हो तो सब हो सकता है।

वीरांगनाओं ने रोते हुए कहा- हमें सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी से मिलवाइए

पुलवामा हमले में शहीद हुए रोहताश लांबा की पत्नी मंजू, शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला मीणा और जीतरात गुर्जर की पत्नी सुंदरी देवी ने पायलट से रोते हुए कहा- हमारी मांगें सुनने को कोई तैयार नहीं हैं। हमें प्रियंका गांधी से मिलवाइए। आप हमें न्याय दिलवाइए। पिछले सात दिन से हम बिना खाए पीए बैठे हैं, लेकिन किसी ने हमारी सुध नहीं ली। मुख्यमंत्री से मिलने जाने लगे तो पुलिस ने हमारे साथ इतनी बदतमीजी कि जो बता नहीं सकते।

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