जोधपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि आयुर्वेद संपूर्ण जीवन विज्ञान है। भारतीय चिकित्सा पद्धति की सबसे बड़ी ख़ासियत है कि यह स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करने के साथ ही रोग शमन में अत्यन्त प्रभावी है। यह बात उन्होंने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही। इसमें राज्यपाल ने 942 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान करने के साथ ही 6 विद्यार्थियों को स्वर्णपदक से सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने विवि परिसर में नवनिर्मित सुश्रुत सभागार का लोकार्पण भी किया।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने दीप प्रज्ज्वलित कर दीक्षान्त समारोह का शुभारंभ किया। आयुष मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग तथा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. (वैद्य) बनवारीलाल गौड़ समारोह के विशिष्ट अतिथि थे। राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने इस अवसर पर संविधान की प्रस्तावना एवं मूल कत्र्तव्यों का वाचन किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में आह्वान किया कि विश्वविद्यालय में प्राप्त आयुर्वेद के ज्ञान को सार्थक करने के लिए मानवता की सेवा और राष्ट्र एवं समाज के उत्थान की भावना से समुचित सदुपयोग करें। उत्तरोत्तर अभिवृद्धिकारक ज्ञान ही सार्थक है, इस बात को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी है कि उसका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचे और इसके लिए ही विश्वविद्यालय जैसी संस्थाओं को कार्य करना होता है। उन्होंने आयुर्वेद के ज्ञान पर आधुनिक दृष्टि से शोध की आवश्यकता पर सर्वाधिक बल देते हुए कहा कि असाध्य से असाध्य व्याधियों का भी समूल रूप से उपचार आयुर्वेद में समाहित है। रोग डायग्नोस का जो सिस्टम आयुर्वेद में है, वह अन्यत्र किसी विज्ञान में नहीं है। आयुर्वेद विज्ञान से जुड़े प्राचीन ज्ञान का आधुनिक संदर्भों में अधिकाधिक शोध कर हमें आगे बढाऩे की जरूरत है। आयुर्वेद अनादिकाल से हमारी संस्कृति एवं परम्पराओं में रची-बसी प्रवाहित स्वास्थ्य ज्ञान-धारा है। हर काल-खण्ड में विज्ञानसम्मत सिद्धान्तों पर यह स्वयंसिद्ध रही है। इसके आलोक में अधिकाधिक कार्य किए जाने की जरूरत है। उन्होंने रोग परीक्षा एवं रोग निदान के लिए आयुर्वेद की प्राचीन भारतीय परम्परा में समाहित नाड़ी परीक्षण की महिमा बताते हुए आयुर्वेद के विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे आयुर्वेद के इस नाड़ी परीक्षण ज्ञान को आत्मसात करें और आधुनिक संदर्भों में गहराई से उसका अध्ययन करें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इसका प्रत्यक्ष चमत्कार उन्होंने स्वयं देखा है। आज नाड़ी विशेषज्ञों का अभाव महसूस किया जा रहा है।
विद्यार्थियों को दीक्षा प्रदान की
राज्यपाल कलराज मिश्र ने उपाधिधारक विद्यार्थियों को दीक्षा प्रदान की। साथ ही प्रथम स्थान प्राप्त छह आयुष स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को चांसलर गोल्ड मेडल से तथा आयुर्वेद संकाय के टोपर्स को डाबर इण्डिया लिमिटेड द्वारा प्रदत्त स्वर्णपदक से सम्मानित करने के साथ ही द्वितीय एवं तृतीय वरीयता के 12 आयुष स्नातक एवं स्नातकोत्तर अध्येताओं को प्रमाणपत्र से सम्मानित किया। स्वर्णपदक से डॉ. हरिशंकर, पीयुषिका शर्मा, दीपिका गुलवानी, अनम रूही, सुलमान अहमद व पूनम शर्मा को नवाजा गया। वहीं समारोह में बीएएमएस के 452, बीएचएमएस के 142, बीयूएमएस के 78, बीएनवाईएस के 2, बीएससी (आयुर्वेद नर्सिंग) के 31, एमडी-एमएस (आयुर्वेद) के 191, एमडी (होम्योपैथी) के 23 तथा पीएचडी (आयुर्वेद) के 23 अध्येताओं सहित कुल 942 अध्येताओं को उपाधियां प्रदान की गई।
छह पुस्तकों का किया विमोचन
राज्यपाल कलराज मिश्र ने दीक्षान्त समारोह में आयुर्वेद से संबंधित छह पुस्तकों का विमोचन किया। इनमें आयुर्वेदिक फोर्मूलरी ऑफ यूनिवर्सिटी फॉर्मेसी, आयुर्वेद परिचय एव सिद्धान्त तथा धनंजय आयुर्वेद संग्रह के साथ ही स्टूडेन्ट स्किल डवलपमेंट मॉड्युल की तीन पुस्तकें (प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय प्रोफेशनल) सम्मिलित हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए राज्यपाल एवं कुलाधिपति, आयुष मंत्री तथा तमाम अतिथियों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय की गतिविधियों एवं उपलब्धियों पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मंच संचालन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय की कुलसचिव सीमा कविया ने किया।
कृषि विवि में दीक्षांत समारोह आज
कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर का चतुर्थ दीक्षांत समारोह शनिवार सुबह 11 बजे विवि के डॉ. पी जोशी सभागार में राज्यपाल व विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कलराज मिश्र की अध्यक्षता में किया । विवि के कुलपति प्रो. बीआर चौधरी ने बताया कि समारोह में राज्यपाल 154 डिग्री प्रदान करेंगे, जिनमें 130 स्नातक, 23 स्नातकोत्तर व 1 विद्या वाचस्पति की उपाधि शामिल है। विश्वविद्यालय की कुलसचिव अंजलि यादव ने बताया कि इस अवसर पर राज्यपाल विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को स्वर्ण पदक भी प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया की राज्यपाल विश्वविद्यालय प्रांगण में नवीन संविधान उद्यान का शिलान्यास भी करेंगे।