जालोर, 9 नवम्बर : कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल को मनाने कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उनके आवास पर बुधवार शाम पहुंचे। वहां कांग्रेसजनों ने उनसे समझाइश करते हुए कहा कि आप वरिष्ठ कांग्रेसी है। पार्टी प्रत्याशी रमीला मेघवाल आपकी बेटी के समान है और आप इसे आशीर्वाद दें। इसके बाद रमीला ने रामलाल मेघवाल के पांव छूने की कोशिश की मगर रामलाल आशीर्वाद देने की बजाय बिफर गए। कांग्रेसजनो ने कहा कि आप लंबे समय से कांग्रेस परिवार से जुड़े हुए हैं। आपके निर्दलीय चुनाव लडने से आपकी छवि और कांग्रेस दोनों को नुकसान होगा। रामलाल मेघवाल की इच्छानुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने भी उनसे वार्ता की। उसके बावजूद समझाइश के दौरान रामलाल अपनी बात से मुकर गए और कहा कि चाहे किसी को भी नुकसान हो, वह तो चुनाव लडेंगे।
ये थे मौजूद :
इस दौरान जिला सह प्रभारी हरीश परिहार, जिलाध्यक्ष भंवरलाल मेघवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शहजाद अली, ब्लॉक अध्यक्ष भोमाराम मेघवाल, सायला पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष शैतानसिंह धनानी, वर्तमान अध्यक्ष सवाईसिंह चंपावत, लक्ष्मण सांखला, आमसिंह परिहार, वीरेंद्र जोशी, गणेशाराम भुंडवा, एडवोकेट गोकुल, खसाराम, गोविंद और पारस परिहार सहित पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कल्ला को टिकट देने से नाराज होकर पार्टी छोड़कर रालोपा से भरा था पर्चा
बीकानेर, 9 नवंबर (प्रेम) : बीकानेर में बी.डी.कल्ला के लिए बड़ी परेशानी बनकर उभरे कांग्रेस के बागी प्रत्याशी अब्दुल मजीद खोखर ने गुरूवार को अपना पर्चा वापस ले लिया। खोखर ने यह निर्णय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से फोन पर बात के बाद लिया है। इसके साथ ही बीकानेर पश्चिम विधानसभा चुनाव में बी.डी.कल्ला के लिए बड़ा डेमेज कंट्रोल हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अब्दुल मजीद खोखर लगातार 10 वीं बार बी.डी.कल्ला को टिकट देने और अल्पसंख्यक कांग्रेस नेताओं की लगातार उपेक्षा से नाराज होकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के बैनर तले चुनाव मैदान में उतरे थे।
यह कहा सीएम ने:
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खोखर से कहा कि अभी चुनाव के माहौल में सांप्रदायिक ताकतों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए हमें एकहोकर लड़ना होगा। पार्टी के भीतर की बातें हम चुनाव के बाद मिल बैठकर कर लेंगे। खोखर का कहना है, मैंने भी कोई शर्त नहीं रखी और सीएम की बात का मान रखते हुए अपना नाम वापस लिया है।