राजस्थान में अगले 2 दिन भारी बारिश का अलर्ट:चार बांध ओवर-फ्लो

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कालीसिन्ध डेम के 20 मीटर ऊँचे 5 गेट खोलकर 73 हजार468 क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा.
झालावाड़
झालावाड जिले में पिछले 2 दिनों से हो रही बारिश के बाद ओर मध्यप्रदेश में भी लगातार बारिश से झालावाड जिले की काली सिंध एवं आहु नदी में पानी की भारी आवक से
कालीसिंध डेम एवं गागरिन डैम में पानी की भारी आवक हुई है
मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में अगले 24 घण्टे के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। जिसके अन्तर्गत 64.5 से 115.5 एमएम एवं भारी वर्षा की संभावना रहेगी। इसे देखते हुए जिला कलक्टर आलोक रंजन ने आमजन से अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है।
झालावाड़ जिले में में ही बांध-तालाब छलकने लगे हैं।
कालीसिंध डैम,गागरिन डैम,राजगढ़ डैम,भीमसागर, छापी डैम
का जलस्तर बढ़ने पर गेट खोलकर पानी छोड़ा गया।
पूर्वी राजस्थान के झालावाड़ में अच्छी बारिश के बाद बांध, तालाब और नदियां ओवरफ्लो होकर बहने लगी।
कालीसिन्ध डेम के 20 मीटर ऊँचे 5 गेट खोलकर 73 हजार468 क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा.बांध में पानी भराव क्षमता के लगभग 83.30 प्रतिशत भर गया.पिछले 24 घंटे के भीतर गागरिन बांध में पानी की आवक तेज होने के कारण 90 सेंमी अधिक पानी बढ़ा है.
इस बांध की भराव क्षमता 52.60 मिलियन क्यूब मीटर हैं .बांध पुरा भर गया.जिसमे से आउट फ्लो 3131.65 क्यूसेक पानी जा रहा. यह पानी राजगढ़ डैम में जा रहा हैं. वही दुसरी राजगढ़ डैम का जलस्तर काफी बढ़ गया है.5 पीएम बजे इस बांध के एक गेट खुले है. जिससे पानी की निकासी
15.02 क्यूमेक्स हो रही हैं. कुल ओपनिंग – 0.15 मीटर है
झालावाड़ में छापी डैम में एक गेट खोलें पानी की निकासी हो रही 8 क्यूमेक,बांध में पानी भराव क्षमता के लगभग
90 प्रतिशत भर गया. झालावाड़ में भीम सागर डेम के एक गेट खोले गए, 450 क्यूसेक छोड़ा जा रहा पानी, बांध में पानी भराव क्षमता के लगभग 91.30 प्रतिशत भर गया.
जिसके बाद आसपास के इलाकों में पानी की आवक हुई है जिसके बाद कालीसिन्ध व आहू नदी की पुलिया ऊपर दो से ढाई फीट तक पानी आ गया है ऐसे में गागरोन क्षेत्र के डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया साथ गागरोन में आने जाने वाले लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे है
हजरत मिठ्ठे महावली की दरगाह पर आने वाले जायरीन भी नदी के दूसरी ओर खड़े हैं पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं ऐसे में मानसून के आखिरी दौर में बारिश में जिले को तरबतर कर दिया है साथ ही फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है

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