नई शिक्षा नीति भविष्य की संभावनाओं की नई राहों को सृजन करने वाली पॉलिसी – राज्यपाल

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महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय कुम्हेर के नवीन प्रशासनिक भवन एवं कुलपति सचिवालय का किया लोकार्पण
डीग, । राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को कुम्हेर स्थित महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के नवीन प्रशासनिक भवन एवं कुलपति सचिवालय का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर, विद्यार्थी गतिविधि केंद्र, महारानी किशोरी कन्या छात्रावास, स्वामी विवेकानंद छात्रावास, स्वामी दयानंद सरस्वती ट्रांजिट हॉस्टल का शिलान्यास कर अकादमी भवन का भूमि पूजन किया। कार्यक्रम में नई शिक्षा नीति 2020 के आलोक में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के एकेडमिक करिकुलम पर आयोजित कार्यशाला का आयोजन भी किया गया।
राज्यपाल श्लराज मिश्र ने वैदिक रीति-रिवाज, धार्मिक अनुष्ठान एवं मंत्रोच्चार के साथ पूजा आर्चना की एवं विभिन्न भवनों के लिए भूमि पूजन किया। माननीय राज्यपाल ने विश्वकर्मा जयंती पर बधाई देते हुए अकादमिक परिषद के सदस्यगण, प्राचार्यगण, आमंत्रित अतिथिगण, संकाय अधिष्ठातागण, शिक्षकगण, जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारीगण को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिन निर्माण कार्यों की आज नींव रखी गयी है और जो कार्य संपन्न हुए हैं, वह विद्यार्थियों के शैक्षणिक जीवन को और अधिक सुगम करेंगे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में बनी नवीन इमारतें विद्यार्थियों के लिए भविष्य की धरोहर हैं और इन सुविधाओं से विश्वविद्यालय में अकादमिक गतिविधियां और तेजी से क्रियान्वित हो सकेंगी। कार्यक्रम में उन्होंने नई शिक्षा नीति के संबंध में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति भविष्य की संभावनाओं की नई राहों को सृजन करने वाली पॉलिसी है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि इसमें विद्यार्थी को भविष्योन्मुखी बनाने पर जोर दिया गया है।
माननीय राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता जरूरी है परन्तु उससे भी जरूरी यह है कि अध्ययन-अध्यापन में युगानुरूप आवश्यकताओं का समावेश हो और जीवन व्यवहार से जुड़ी और सामयिक संदर्भों से विद्यार्थियों को जोड़ने वाली सामग्री का भी अध्यापन करवाया जाए। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और मौलिक शोध की संस्कृति के नए आयाम स्थापित करने की अपील की। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति से जुड़े अकादमिक प्रावधानों को स्वयं शिक्षक समझकर प्रतिबद्ध होकर यदि उन्हें विद्यार्थियों के लिए लागू करने की पहल नहीं करेगा तब तक इस नीति की मूल मंशा को हम चरितार्थ नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने बताया की नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भाषा दक्षता, वैज्ञानिक स्वभाव, सौन्दर्य बोध, नैतिक आदर्श, डिजीटल साक्षरता और भारत बोध का विकास करना है। नई शिक्षा नीति में शिक्षा व्यवस्था के चार प्रमुख आयामों – विद्यार्थी, अध्यापक, पाठयक्रम और ढाँचागत सुविधाओं पर पर्याप्त जोर दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि पाँचवी कक्षा तक मातृभाषा में पढ़ने से विद्यार्थियों को स्थानीय सांस्कृतिक एवं नैतिक मूल्यों व आर्दशों से अवगत कराया जा सकेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों से कहा की वे नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अकादमिक विषय-वस्तु इस तरह से निर्धारित करें कि शैक्षिक नवाचारों से आत्मनिर्भर भारत की आवश्यकताओं के अनुरूप भावी
नागरिक तैयार कर सकें।
इस अवसर पर संभागीय आयुक्त भरतपुर सांवरमल वर्मा, जिला कलेक्टर डीग शरद मेहरा, पुलिस अधीक्षक डीग बृजेश ज्योति उपाध्याय, अतिरिक्त जिला कलेक्टर रणजीत सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गुमनाराम, उपखंड अधिकारी डीग रवि कुमार गोयल, उपखंड अधिकारी कुम्हेर देवेंद्र सिंह परमार, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर रमेश चन्द्रा सहित अन्य अधिकारी, शिक्षक एवं विद्यार्थीगण मौजूद रहें।

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