संतों की समाधि वंदन व भंडारे का प्रसाद अवश्य ग्रहण करना चाहिए : योगी विलासनाथजी महाराज

Share:-

योगी नवनाथजी महाराज का 81 वां निर्माण दिवस मनाया
बीकानेर, 18 दिसंबर : यहां नत्थूसर बास स्थित श्री विवेकनाथजी की बगीची, श्रीनवलेश्वर मठ में 1008 योगीश्री नवलनाथजी महाराज की 81वें निर्वाण दिवस को विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों व भंडारे के आयोजन के साथ मनाया गया। मठ के अधिष्ठाता योगीश्री शिवसत्यनाथजी महाराज की पावन प्रेरणा से महंत योगीश्री विलासनाथजी महाराज की निश्रा में समाधि पूजन, अभिषेक, श्रृंगार कर आरती की गई। पंडित रामजी पुरोहित ने बताया कि मठ से जुड़े अनेक भक्तों ने शिरकत की, सभी ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। आगंतुक संतवृंद में योगी ओमनाथजी महाराज, गोविंदनाथजी, नारायणनाथजी सहित अनेक संतों का सत्कार भी किया गया। प्रवचन श्रृंखला में योगीश्री विलासनाथजी ने निर्वाण दिवस विशेष व संत श्री नवलनाथजी महाराज की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि योगी संत महात्माओं की समाधि का नित्य वंदन करने मात्र से व्यक्ति की दुर्बुद्धि को दूर कर उसे सन्मार्ग का रास्ता मिलता है, साथ ही उन्होंने एक कथा प्रसंग के माध्यम से गुरु एवं गुरु भाई, बहनों के परस्पर संबंध में एवं स्नेहिल भाव को भी विस्तार से रेखांकित किया। योगी विलासनाथजी ने कहा कि भगवान, संत, गुरु को अर्पित अथवा मठ, मंदिर व गुरुद्वारे में पहुंचा हुआ अन्य भोजन मात्र नहीं रहकर प्रसाद बन जाता है और यह प्रसाद सभी को अवश्य ग्रहण करना चाहिए। ओमनाथजी महाराज ने भी अपने विचार रखे। पंडित रामजी पुरोहित ने बताया कि शहर के अनेक श्रद्धालु भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया, इससे पूर्व समाधि पूजन में भाग लेकर सभी ने शीश नवाया।
इस समाचार से समबंधित फोटो फाईल नंबर 18 आरएजेएच प्रेम 6 : योगी नवनाथजी महाराज का 81 वां निर्माण दिवस मनाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *