जी-20 देशों की संधारणीय वित्त कार्यसमूह की अगली दो बैठक विशाखापत्तनम और वाराणसी में होंगी, पहली बैठक गोहाटी में हुई थी, सभी के परिणामों के आधार पर बनेगी नीति
उदयपुर, 22 मार्च (ब्यूरो)। जी 20 समूह देशों की संधारणीय वित्त कार्य समूह (एसएफडब्ल्यूजी) की दूसरी बैठक गुरुवार को उदयपुर में संपन्न हुई। अगली दो बैठक विशाखापत्तनम और वाराणसी में आयोजित होंगी। एसएफडब्ल्यूजी की चारों बैठकों के निष्कर्ष के बाद जी 20 समूह देशों की सहमति से तैयार नीति के अनुसार काम होगा। एसएफडब्ल्यूजी की पहली बैठक गोवाहाटी में हो चुकी है। बैठक में यूएसए और चीन चेयर पर्सन की भूमिका निभा रहे हैं, उनकी भूमिका बेहद सहयोगात्मक रही है।
भारतीय आर्थिक मामलों के विभाग की सलाहकार गीतू जोशी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि जी.20 देशों के एसएफडब्ल्यूजी की दूसरी बैठक उदयपुर में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। तीन दिन चली बैठक में जी 20 के सदस्य देशों के अलावा 10 आमंत्रित देशों के साथ-साथ एशियाई विकास बैंक, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम जैसे 18 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 93 प्रतिनिधियों ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया।
तीन प्राथमिकताओं पर हुई चर्चा
जोशी ने बताया कि तीन दिवसीय बैठक में वर्ष 2023 के दौरान एसएफडब्ल्यूजी कार्य योजना को लेकर चर्चा की गई। जिसमें तीन प्राथमिकताएं तय थीं। इनमें जलवायु वित्तपोषण के लिए यथासमय और समुचित संसाधन जुटाने के लिए तंत्र की स्थापना के अलावा संधारणीय विकास लक्ष्यों के लिए वित्तपोषण को संभव बनाना और संधारणीय विकास के लिए वित्तपोषण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र की क्षमता तैयार करना रहा। उन्होंने बताया कि एसएफडब्ल्यूजी 2023 की कार्य योजना के अनुसार लगभग आधा काम पूरा कर लिया गया है। समूह सदस्यों ने जहां भावी योजनाओं पर सहमति जताई है। जिसमें जलवायु विषयक कार्रवाई के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए विकल्प तैयार करना। वित्त पोषण के लिए विश्लेषणात्मक रूपरेखा विकसित करने के साथ वित्त तकनीकी सहायता कार्ययोजना भी शामिल है। जी 20 के सदस्य इस बात पर सहमत हुए कि वर्ल्ड बैंक एवं वैश्विक वित्तीय संस्थान के अलावा निजी वित्तीय संस्थान भी उनके इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि कैसे विभिन्न हितधारक क्षमता.निर्माण कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए एकजुट होकर काम कर सकते हैं और संधारणीय वित्त में साझा सहयोग और ज्ञान के जरिए मदद कर सकते हैं। एसएफडब्ल्यूजी की बैठक में यूएसए और चीन भी चेयर पर्सन हैं और दोनों देशों का रूख सहयोगी है। विकसित और विकासशील देशों की भूमिका और उनके एक-दूसरे के प्रति समर्पण से साफ जाहिर है कि जी 20 समूह देशों ने 2030 तक के लिए जो एजेंडा रखा है, उसमें पूरी सफलता मिलेगी।
एसएफडब्ल्यूजी की बैठक में भाग लेने आए देश-विदेश के प्रतिनिधियों को शुक्रवार को शहर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों, यथा सिटी पैलेस तथा राजस्थान की अन्य समृद्ध सांस्कृतिक विरासत जिनमें कुंभलगढ़ दुर्ग तथा रणकपुर जैन मंदिर घूमने जाएंगे। इससे पहले गुरुवार रात सांस्कृतिक संध्या के बीच शाही भोजन का आयोजन किया गया था।