उदयपुर के प्रशांत अग्रवाल को राष्ट्रपति ने दिया ‘सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति’ श्रेणी का राष्ट्रीय पुरस्कार

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उदयपुर, 04 दिसम्बर(ब्यूरो): विश्व दिव्यांगता दिवस पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा विज्ञान-भवन, नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने उदयपुर की नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया। दिव्यांगजन सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति’ श्रेणी में यह अवार्ड अग्रवाल को दिया गया। समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने की। इस दौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले, प्रतिमा भौमिक और ए.नारायणस्वामी की गरिमामयी उपस्थित रही।
दिव्यांगों के कल्याणार्थ निस्वार्थ भाव से बेमिसाल सेवाओं के लिए अग्रवाल का चयन किया गया। प्रशांत अग्रवाल दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए आवासीय विद्यालय, व्यवसायिक पुनर्वास केंद्र व सहायक उपकरणों के वितरण के लिए अग्रणी रहे है। राष्ट्रपति ने पुरस्कार और प्रमाण पत्र भेंटकर सम्मानित किया। राष्ट्रपति जब उन्हें सम्मानित कर रही थी, उस समय सभागार में उपस्थितजनों ने भी उनका करतल ध्वनि से अभिनंदन किया। राष्ट्रपति ने सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर के लिए डॉ. आप्टे सुभाष, दिव्यांगों के लिए सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता का पुरस्कार अमेजन इंडिया और सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन के लिए सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण निदेशालय मध्यप्रदेश सहित विभिन्न श्रेणियों में 30 से अधिक पुरस्कार दिए।
दिव्यांगों को समर्पित सम्मान
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होने पर नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा यह सम्मान उन दिव्यांग भाई-बहिनों का है जिनके जीवन में खुशी आई और संस्थान से लाभान्वित हुए। संस्थान संस्थापक चेयरमैन कैलाश मानव ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा यह पुरस्कार हमें ओर कर्तव्यनिष्ठा और नम्रतापूर्वक सेवा करने की प्रेरणा देता रहेगा।
साढ़े चार दिव्यांगों की करा चुके नि:शुल्क सर्जरी
गौरतलब है कि नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल के नेतृत्व में अभी तक 4 लाख 45 हजार से ज्यादा दिव्यांगों की सफल एवं निशुल्क सर्जरी हुई है। करीब 40 हजार ऐसे दिव्यांग जो दुर्घटना में हाथ-पैर खो चुके हैं, उन्हें कृत्रिम अंग लगाए हैं। दिव्यांगों के पूर्ण पुनर्वास देने के लिए उन्हें कंप्यूटर, मोबाइल, सिलाई प्रशिक्षण दिया जाता हैं। इस तरह अब तक 10 हजार से अधिक लोगों की जिंदगी बदल चुकी है। इसके अलावा 2300 से ज्यादा जोड़ों का सामूहिक विवाह कर उनकी गृहस्थी भी अग्रवाल की पहल पर बसाई गई है। अग्रवाल के प्रयासों से दिव्यांग खेल अकादमी की स्थापना हुई और 5 बार राष्ट्रीय स्तर की स्वीमिंग, ब्लाइंड क्रिकेट, व्हीलचेयर क्रिकेट और शारीरिक दिव्यांग क्रिकेट चैंपियनशिप का आयोजन हो चुका है। जिसे गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी जगह मिली है। राष्ट्रीय पुरस्कार से पहले वर्ष 2017 में राजस्थान सरकार भी अग्रवाल को सर्वश्रेष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता के पुरस्कार से नवाज चुकी है।

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