उदयपुर संभाग में भाजपा को 17 तथा कांग्रेस ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की

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पहली बार चुनाव लड़ी भारत आदिवासी पार्टी ने भी खाता खोलते हुए तीन विधायक बनाए
उदयपुर, 03 दिसम्बर(ब्यूरो): विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम सामने आ चुके हैं। जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने 17 पर जीत दर्ज की, जो गत विधानसभा चुनाव से दो सीट अधिक है। वहीं कांग्रेस पार्टी सात सीटों तक सिमट गई। बाकी चार सीटों में से तीन पर पहली बार चुनाव लड़ी भारत आदिवासी पार्टी ने तीन तथा एक पर निर्दलीय ने जीत हांसिल की।
उदयपुर संभाग जिसके आंचलिक रूप से मेवाड़—वागड़ कहा जाता है, जिसमें उदयपुर के अलावा राजसमंद, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ तथा डूंगरपुर जिले शामिल हैं। हालांकि बांसवाड़ा को अब संभाग बना दिया गया है किन्तु विधानसभा चुनाव 2023 पहले के संभाग तथा जिलावार ही कराए गए हैं। मेवाड़—वागड़ क्षेत्र को देखें तो यहां कुल 28 सीटें आती हैं। इनमें सर्वाधिक 8 सीटें उदयपुर जिले में हैं। जबकि चित्तौड़गढ़ और बांसवाड़ा जिले में 5-5, डूंगरपुर और राजसमंद जिले में 4-4 सीटें और जबकि प्रतापगढ़ जिले की 2 सीटें भी इसी क्षेत्र में आती हैं। इनमें से 17 सीटें रिजर्व हैं, जिनमें से 16 अनुसूचित जनजाति(एसटी) तथा एक सीट अनुसूचित जाति(एससी)के लिए रिजर्व है। साल 2013 में परिसीमन के बाद बांसवाड़ा, डूंगरपुर तथा प्रतापगढ़ जिले की सभी 11 विधानसभा सीटें एसटी के लिए रिजर्व कर दी गईं। जबकि एसटी के लिए रिजर्व बाकी पांच सीटें उदयपुर जिले में हैं। जबकि एसटी के लिए इकलौती रिजर्व सीट चित्तौड़गढ़ जिले की कपासन है।
इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिन विधानसभा सीटों पर जीत हांसिल की, उनमें उदयपुर जिले से उदयपुर शहर, उदयपुर ग्रामीण, गोगुंदा, झाड़ोल, वल्लभनगर और सलूम्बर शामिल है। डूंगरपुर जिले में भाजपा ने सागवाड़ा विधानसभा सीट पर, बांसवाड़ा जिले में गढ़ी, चित्तौड़गढ़ जिले में कपासन, बेगूं, निम्बाहेड़ा और बड़ी सादड़ी पर जीत दर्ज की। प्रतापगढ़ जिले में प्रतापगढ़ विधानसभा सीट के अलावा राजसमंद जिले की चारों विधानसभा सीट, जिनमें नाथद्वारा, कुंभलगढ़, राजसमंद और भीम शामिल है, पर भाजपा ने जीत दर्ज की। उदयपुर संभाग में प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ तथा राजसमंद जिले पूरी तरह कांग्रेस मुक्त हो गए हैं।
इधर, कांग्रेस ने सात विधानसभा सीटों पर जीत हांसिल की है। जिनमें उदयपुर जिले से खेरवाड़ा और मावली, बांसवाड़ा जिले से बांसवाड़ा, बागीदौरा, कुशलगढ़ और घाटोल के अलावा डूंगरपुर जिले से डूंगरपुर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की है। पहली बार चुनाव लड़ रही भारत आदिवासी पार्टी(बाप)ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है। जिनमें डूंगरपुर जिले की चौरासी और आसपुर विधानसभा सीट तथा प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट शामिल है। संभाग की चित्तौड़गढ़ सीट से निर्दलीय(भाजपा बागी) ने बाजी मारी है, जिसकी वजह से भाजपा के घोषित प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे।
दिग्गज जो चुनाव हारे
उदयपुर संभाग से कई दिग्गज विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में थे, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा। उनमें कांग्रेस से नाथद्वारा सीट से चुनाव लड़े विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, सलूम्बर विधानसभा से कांग्रेस से चुनाव लड़े आदिवासी नेता रघुवीर सिंह मीणा के अलावा चित्तौड़गढ़ से भाजपा नेता नरपतसिंह राजवी शामिल हैं। राजवी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए। इधर, उदयपुर शहर से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ को भी हार का सामना करना पड़ा।
मंत्री मालवीया, बामनिया, पूर्व मंत्री डॉ. परमार और घोघरा ने जीत दर्ज की
कांग्रेस से जीत दर्ज करने वाले दिग्गज आदिवासी नेताओं में बांसवाड़ा से चुनाव लड़े मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया, बागीदौरा से चुनाव लड़े मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया के अलावा उदयपुर जिले की खेरवाड़ा जिले से चुनाव लड़े पूर्व मंत्री डॉ. दयाराम परमार के अलावा डूंगरपुर से चुनाव लड़े गणेश घोघरा शामिल हैं। वहीं भाजपा से जीतने वालों में प्रमुख प्रत्याशियों में नाथद्वारा से महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़, राजसमंद से दीप्ति माहेश्वरी निम्बाहेड़ा से श्रीचंद कृपलानी के अलावा गोगुंदा से प्रताप भील, कपासन से अर्जुनलाल जिनगर शामिल हैं। पिछली बार बीटीपी से डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा से जीत दर्ज करने वाले राजकुमार रोत ने इस बार भारत आदिवासी पार्टी से जीत हांसिल की। जबकि चित्तौड़गढ़ से भाजपा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए जीत दर्ज की है।

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