कल्याण की कामना के साथ सर्व समाज सनातनी चातुर्मास का विसर्जन

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दिगम्बर खुशाल भारती महाराज ने विशाल नगर भण्डारे के साथ संत समाज को दी विदाई
उदयपुर, 27 नवम्बर(ब्यूरो):‘धर्म की जय हो – अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो।’ सनातन परम्परा में नियमित रूप से देवस्थलों, अनुष्ठानों में की जाने वाली इस सर्वमंगल कामना की प्रार्थना के साथ उदयपुर के बलीचा स्थित राजराजेश्वर बड़बड़ेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में चल रहा सर्व समाज सनातनी चातुर्मास सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा पर विसर्जित हुआ।
चातुर्मास विसर्जन पर दिगम्बर खुशाल भारती के गुरु श्रृंगी ऋषि आश्रम के मोहन भारती महाराज का प्रमुख सान्निध्य रहा। दिगम्बर खुशाल भारती महाराज ने उनके सान्निध्य में सनातनी चातुर्मास के विसर्जन की घोषणा की। इससे पहले, प्रातःकाल साढ़े आठ बजे दिगम्बर खुशाल भारती महाराज की कुटिया में स्थित धुणी पर हवन हुआ। अघोरी बाबा शैलेंद्रनाथ महाराज ने पूर्णाहुति कराई।
उल्लेखनीय है कि इस बार सावन अधिक होने से चातुर्मास की अवधि पांच मास की रही। इस दौरान यहां पंच पुराणों की कथाएं हुईं, भजन संध्याएं भी हुईं। शारदीय नवरात्र में मां पीताम्बरा बगलामुखी 54 कुण्डीय महायज्ञ भी हुआ। यह महायज्ञ विश्व में अपनी तरह का पहला महायज्ञ था। इसमें भी देश भर से साधक उदयपुर आए थे।

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