उदयपुर संभाग में सबसे ज्यादा बरसे मेघ, माही के 16 व कोटा बैराज के आठ गेट खोले गए

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तेज बारिश से बांधों में बढ़ा पानी

जयपुर, 18 सितंबर (ब्यूरो): पिछले तीन दिनों से राज्य में चल रहा भारी बरसात का दौर कोटा और उदयपुर संभाग में सोमवार को भी जारी रहा। इसके चलते एक दर्जन से अधिक स्थानों पर 4 से 8 इंच तक बरसात दर्ज हुई है। हालांकि तेज बरसात का केन्द्र उदयपुर संभाग के जिले ही बने हुए हैं। वहीं अब पश्चिमी राजस्थान में भी बारिश शुरू हो गई है। तेज बारिश के कारण एकबार फिर बांधों में पानी की आवक तेज हो गई है जिसके कारण बड़े बांधों के गेेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। सोमवार को माही बांध के 16 व कोटा बैराज के आठ गेट खोलने पड़े।
प्रदेश में बने मौसम तंत्र के असर से सोमवार को उदयपुर, सिरोही, जालौर व पाली जिलों में कहीं-कहीं अति भारी बारिश व डूंगरपुर, राजसमंद, बाड़मेर व जोधपुर जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश दर्ज की गई है। राज्य के दक्षिणी हिस्सों में खेतों में पानी भरने के कारण फसल खराबे का संकट पैदा हो गया है। यहां पर अधिकांश फसलें पककर तैयार थी और इनकी कटाई की तैयारी चल रही थी। इस बीच बारिश हो जाने से फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। हालांकि अन्य हिस्सों में जहां देरी से फसल बुवाई हुई थी वहां इस बारिश से फसलों को फायदा पहुंचा है।
मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र आज कमजोर होकर परिसंचरण तंत्र में बदल गया है तथा वर्तमान में दक्षिणी राजस्थान के ऊपर अवस्थित है। 19 सितंबर को यह तंत्र धीरे-धीरे दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान की ओर आगे बढऩे से बाड़मेर, जालौर व जैसलमेर के कुछ भागों में भारी बारिश की गतिविधियां जारी रहने तथा शेष भागों में बारिश की गतिविधियों में कमी होने की संभावना है। ऐसे में 20 सितंबर से राज्य में भारी बारिश के दौर से राहत मिल सकती है।
यहां हुई भारी बारिश
जल संसाधन विभाग के अनुसार राज्य में सोमवार सुबह 8 बजे तक डूंगरपुर के निठाउवा में 205 मिमी, पाली के सादड़ी में 200, प्रतापगढ़ में 160, माउंट आबू में 130, उदयपुर के झालरा में 124, पाली के कोट में 122, बांसवाड़ा के भूंगड़ा में 120, पाली के बांकली में 118, बांसवाड़ा के जगपुरा में 109, उदयपुर के गोगुन्दा में 108, प्रतापगढ़ के धरियावद में 104 तथा जालौर के आहोर में 100 मिमी बरसात दर्ज हुई है। वहीं जालौर में शाम 5 बजे तक 95 मिमी बरसात दर्ज हुई है।
माही के 16 गेट खोले
भारी बरसात के कारण आज भी माही के 14 गेट एक मीटर तथा दो गेट आधा आधा मीटर खोलकर पानी की निकासी की गई। इसके चलते बेणेश्वर धाम की तीनों नदिया उफनती रही और टापू में पर लोग फंसे रहे। इसके अलावा पाली के जवाई बांध में पानी तेज आने के कारण दो गेट खोलकर निकासी की गई। वहीं चंबल नदी में भी पानी तेज हो जाने के कारण कोटा बैराज के 8 गेट खोलकर एक लाख क्यूसेक पानी की निकासी की गई है। माही नदी के उफान पर होने से डूंगरपुर के गलियाकोट कस्बे में कडाना बेक वॉटर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। प्रशासन की टीम ने गलियाकोट में पहुंचकर बेक वॉटर के पास बसे घरों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया है। कड़ाना बेक वॉटर के खतरे के निशान पर पहुंचने पर जिला कलेक्टर ने गुजरात प्रशासन से बांध के गेटों को खोलने के लिए बात की है।
दो वर्षीय बालक का शव मिला
भारी बरसात के बाद वर्षाजनित हादसों में लोगों के जान गंवाने का सिलसिला भी जारी है। इसके चलते सोमवार को बांसवाड़ा के सज्जनगढ़ क्षेत्र में नदी से दो वर्षीय बालक का शव मिला है। बताया जा रहा है कि बालक पानी के तेज बहाव में बह गया था।

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