कोटपूतली में मतदान के प्रति भारी उत्साह, 76.70 फीसदी मतदान

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चाक-चौबंद रही सुरक्षा व्यवस्था, गश्त करते रहे अधिकारी
कोटपूतली-बहरोड़, 25 नवंबर : कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को हुए मतदान के दौरान मतदाताओं में मतदान के प्रति भारी उत्साह देखने को मिला। क्षेत्र में कुल 76.70 फीसदी मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। सुबह के 7 बजे ही शहर और ग्रामीण इलाकों के अधिकांश मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लम्बी कतार नजर आने लगी थी। महिलाओं ने भी मतदान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पुलिस प्रशासन सख्त जरुर था, किन्तु उसके बावजूद अनेक मतदान केंद्रों के आसपास वाहनों व समर्थकों का जमावड़ा नजर आया। बूथ लेवल अधिकारियों द्वारा पहले ही घर-घर जाकर मतदान पर्ची बांट दिए जाने के कारण लोगों को मतदान के दौरान काफी सहूलियत महसूस हुई। निर्वाचन विभाग की सख्ती के कारण ही उम्मीदवार मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने-ले जाने के लिए वाहनों का खुलकर प्रयोग नहीं कर सके। जिन केंद्रों पर वाहनों का प्रयोग हुआ, वहां वाहनों को मतदान केंद्र से दूर ही खड़ा किया गया। ग्रामीण इलाकों सहित शहर के बड़ाबास मौहल्ले में कई मतदान केंद्रों पर महिलाओं की टोली परम्परागत रुप से गीत गाती हुई मतदान करने पहुंची। अनेक केंद्रों पर महिलाओं की लम्बी कतार के चलते मतदाताओं को मतदान करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। दूसरी तरफ कुछ उम्मीदवारों और उनके समर्थकों द्वारा मतदान से पूर्व बीती रात को मतदाताओं को अनेक प्रलोभन दिए जाने की भी खबरें उड़ती रही।
कुछ बूथों पर मामूली झड़पें
क्षेत्र के कुछ बूथों पर प्रत्याशियों के समर्थकों में मामूली झड़प होने की खबर मिली है। शहर के राजकीय बाउमावि के एक मतदान केंद्र पर दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच फर्जी मतदान को लेकर मामूली झड़प हुई। स्थिति बिगडऩे की संभावना को भांप तुरंत प्रभाव से कलेक्टर शुभम चौधरी व एसपी रंजीता शर्मा दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और भीड़ को तितर-बितर कर मामला शांत कराया।
इसी तरह सुंदरपुरा के बूथ पर मामूली झड़प और पुलिसकर्मियों के साथ कहासुनी हुई। बड़ाबास स्कूल के एक बूथ पर भी दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच फर्जी मतदान की शिकायत को लेकर तू-तू, मैं-मैं हुई। ग्रामीण इलाकों के कुछ अन्य मतदान केंद्रों पर भी समर्थकों के बीच कहासुनी होने के समाचार मिले हैं।
कड़े सुरक्षा प्रबंध
शांतिपूर्वक, निष्पक्ष व भयमुक्त मतदान के लिए क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात रहा। सीमा सुरक्षा बल की सशस्त्र कंपनियों के अलावा सीआरपीएफ, सीआईएसएफ के साथ हरियाणा पुलिस, यूपी होमगार्ड, स्थानीय पुलिस बल और राजस्थान होमगार्ड के जवान तैनात रहे। प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पर्यवेक्षक आईएएस चंद्रमोहन ठाकुर, निर्वाचन अधिकारी मुकुट सिंह, एएसपी नेम सिंह, डीएसपी मदनलाल जैफ, थानाधिकारी राजेश कुमार शर्मा, बाबूलाल मीणा पनियाला, राजेश यादव सरुण्ड आदि अधिकारी क्षेत्र का दौरा करते रहे। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए आमजन का आभार जताया है।
पारा बढऩे के साथ बढ़ता गया प्रतिशत
सुबह 7 बजे से शुरु हुआ मतदान पारा बढऩे के साथ ही बढ़ता गया। शुरुआती दो घंटे में 12.04 फीसदी, 11 बजे तक 27.27 फीसदी, 1 बजे तक 42.56 प्रतिशत, 3 बजे तक 58.64 फीसदी, 5 बजे तक 71.24 प्रतिशत तथा 7 बजे 76.70 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान को लेकर शहर के सभी बाजार बंद रहे। ऐसे में व्यापारी वर्ग भी पूरे दिन मतदान केन्द्रों के आसपास नजर आया।
मतदान केन्द्रों पर बनी हेल्प डेस्क
विधानसभा चुनाव में बुजुर्ग, दिव्यांग व असमर्थ लोगों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क बनाई थी। जहां स्काउट-गाइड के स्वयंसेवक तैनात रहे। स्वयंसेवकों ने दिव्यांग मतदाताओं की पूरी मदद की। उन्हें बूथ के अंदर ले जाने के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था की गई थी। हांलाकि, कई बूथों पर आवश्यकता के अनुसार व्हील चेयर उपलब्ध नहीं होने के कारण दिव्यांग व चलने में असमर्थ मतदाताओं को काफी देर तक इंतजार करना पड़ा।

दावों की खुली पोल, वेबकास्टिंग साबित हुई बेअसर
कोटपूतली-बहरोड़, 25 नवंबर (आनंद पंडित): अनेक बूथों की संवेदनशीलता को भांप कर क्षेत्र के 50 प्रतिशत मतदान केन्द्रों पर निर्वाचन आयोग के निर्देश पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई थी। यह व्यवस्था तो शानदार थी, किन्तु इसका कोई खास असर नजर नहीं आया। क्षेत्र के कुल 224 बूथों में से 112 बूथों पर कैमरे लगाकर वेबकास्टिंग की गई थी। सुबह से ही अनेक बूथों पर बिजली की कटौती होती रही। जिसके चलते एक के बाद एक बूथ पर लाइव वेबकास्टिंग बंद होती रही। केन्द्रों पर लाइव नजर रखने के लिए न तो कोई बड़ी स्क्रीन की व्यवस्था की गई थी और न ही बूथों पर प्रॉपर तरीके से नजर थी। इसके लिए तैनात दो कार्मिक पूरे दिन सिर्फ यही देखते रहे कि कहां वेबकास्टिंग चालू है और कहां बंद है।
कई जगह खराब हुई ईवीएम मशीनें
ईवीएम मशीन और वीवीपैट मशीन में तकनीकी खराबी के कारण कई बूथों पर सही समय पर वोटिंग शुरु नहीं हो पाई। कई स्थानों पर तो मतदान प्रक्रिया के दौरान ही ईवीएम मशीन खराब हो जाने से काफी देर तक मतदान बाधित रहा। क्षेत्र के झीड़ा की ढ़ाणी, भोजावास, पंचायत समिति, आईटीआई सहित अनेक बूथों पर ईवीएम को बदलना पड़ा। हांलाकि, सूचना के बाद सेक्टर अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से मशीनों को बदलकर वोटिंग शुरु करवाई। किन्तु इन बूथों पर आधे से एक घंटे की देरी से मतदान शुरु होने के कारण और बीच में मतदान बाधित होने से लम्बी कतार लग गई।
समय समाप्ति के बाद भी लंबी कतार
करीब दो दर्जन मतदान केन्द्रों पर मतदान का समय समाप्त होने के बाद भी मतदाताओं की लंबी कतार देखने को मिली। इसकी वजह कुछ स्थानों पर ईवीएम मशीनों में खराब के कारण देरी से शुरु हुए मतदान को बताया जा रहा है तो कई जगहों पर मतदान प्रक्रिया बेहद धीमी गति से चल रही थी। मतदान की धीमी गति होने का एक कारण वीवीपैट भी सामने आया। चूंकि, मतदान करने के बाद वीवीपैट की स्क्रीन पर 7 सेकण्ड तक संबंधित प्रत्याशी का नाम व चुनाव चिन्ह दिखाई देता है। यह प्रक्रिया भी धीमी गति की एक वजह है। जिसके चलते करीब दो दर्जन मतदान केन्द्रों पर समाप्ति के बाद शाम 7 बजे तक भी मतदाताओं की कतार लगी रही।

खूब हुए प्रयास, फिर भी नहीं बढ़ा मतदान प्रतिशत
कोटपूतली-बहरोड़, 25 नवंबर (बालकृष्ण शुक्ला): विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए थे, किन्तु कोटपूतली क्षेत्र में मतदान प्रतिशत में बढ़ोत्तरी नहीं हो सकी।
मतदाताओं को घरों से निकालने के लिए प्रशासन ने भी खूब पसीना बहाया था। मतदाता जागरुकता के लिए मैराथन से लेकर स्वीप कार्यक्रम के तहत विविध आयोजन कराए गए। प्रत्याशियों ने भी इस बार मतदाताओं को बूथों तक निकालने के लिए जी-तोड़ मेहनत की थी। जानकारी के मुताबिक, गत विधान सभा चुनाव में 2 लाख 6 हजार 297 मतदाताओं में से 1 लाख 58 हजार 589 मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया था। जिनका प्रतिशत कुल 76.87 रहा था। अबकी बार के चुनाव के दौरान मतदाताओं में गत वर्ष की अपेक्षा कोई खासा उत्साह नजर नहीं आया। क्षेत्र में कुल 2 लाख 26 हजार 739 मतदाता हैं, जिनमें 1 लाख 73 हजार 908 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। ऐसे में कुल 76.70 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र की मजबूती में भागीदारी निभाई। गत वर्ष की अपेक्षा अबकी बार 0.17 प्रतिशत मतदान गिरा।

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