कर्णी सेना ने फूंका पाली विधायक का पुतला, सीता माता पर की गई टिप्पणी को लेकर की माफी की मांग, दी आंदोलन की चेतावनी, पारख ने बताया विरोधियों की साजिश।

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पाली 4. अप्रैल. विधायक ज्ञानचंद पारख द्वारा एक चैनल के निजी कार्यक्रम में प्रसंगवश सीता माता माता का उदाहरण देने को लेकर विवाद हो गया है। सीता माता पर की गई टिप्पणी को सनातन संस्कृति का अपमान बताते हुए राजपूत करणी सेना ने आज कलेक्ट्रेट के बाहर विधायक ज्ञानचंद पारख का पुतला फूंका। करणी सेना के ने कहा कि यदि विधायक ज्ञानचंद पारख सीता माता पर की गई टिप्पणी के लिए यदि माफी नहीं मांगेंगे तो करणी सेना द्वारा भूख हड़ताल की जाएगी और प्रदेश भर में पारख के पुतले जलाए जाएंगे।

आरोप राजनीति से प्रेरित।
वही इस संबंध में विधायक पारख ने इस प्रदर्शन को राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उनके विरोधी क्षेत्र में धार्मिक वैमनस्य फैलाना चाहते हैं। पारख ने कहा कि उनकी मंशा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी।

यह कहा था विधायक ने।

सोमवार को एक निजी कार्यक्रम में विधायक पारख ने कहा था कि माता सीता ने भी लक्ष्मण रेखा लांघकर मर्यादा तोड़ी थी, द्रोपदी ने मजाक में अंधे का बेटा अंधा कह दिया जिसके परिणामस्वरूप महाभारत हो गई। ये प्रसंग साधु संत भी अपनी कथाओं में भक्तों को सुनाते हैं क्योंकि मर्यादा एक व्यापक शब्द है।

यह है अंदर की बात
गौरतलब है कि गत कुछ माह से विधायक ज्ञानचंद पारख एवं नगरपरिषद सभापति रेखा भाटी के बीच तनातनी चल रही है। विधायक पारख सभापति पर विधानसभा में भरस्टाचार के आरोप भी लगा चुके है,साथ ही एक ठेकेदार द्वारा की गई आत्महत्या प्रकरण में भी उन्हें घेर चुके हैं। इन्ही आरोपो के चलते रेखा भाटी को भाजपा से निष्कासित किया गया एवं राज्य सरकार ने उन्हें सभापति पद से निलंबित कर दिया। इसके बाद निलंबन आदेश पर रेखा भाटी को कोर्ट से स्टे मिल गया। तभी से ही दोनों नेताओं की खींचतान जग जाहिर हो चुकी है। आज के इस प्रकरण के पीछे भी विधायक ने अप्रत्यक्ष रूप से इसी विवाद को कारण बताया है।

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