राज्य सरकार ने कहा, कानूनी प्रावधानों के अनुसार ही किया है हेरिटेज मेयर का निलंबन

Share:-

जयपुर, 22 अगस्त। हेरिटेज नगर निगम की निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर के निलंबन मामले में राज्य सरकार की ओर से एजी एमएस सिंघवी ने हाईकोर्ट में जवाब पेश किया। एजी ने कहा कि नगर पालिका अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार किसी मामले में सरकार संतुष्ट है और कार्रवाई शुरू कर दी जाती है तो निलंबन किया जा सकता है। हेरिटेज मेयर के मामले में भी उसे नोटिस भेजकर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। राज्य सरकार को निलंबन का अधिकार है। वहीं मंगलवार को अदालती समय पूरी होने पर जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने मामले की सुनवाई बुधवार को तय की है।

अदालती आदेश के पालन में राज्य सरकार ने अंतरिम रिपोर्ट के तौर पर एसीबी के प्रेस नोट व रिपोर्ट को पेश करते हुए कहा कि उन्होंने इन आधारों पर ही हेरिटेज मेयर का निलंबन किया था। एजी ने कहा कि मुनेश के घर पर पट्टों की छह फाइलें मिली थी। जिनमें पांच फाइलों में मेयर के साइन होने बाकी थे। इनमें से एक फाइल तो एक महीने से उनके पास लंबित थी। ऐसे में केवल साइन के आधार पर ही फाइलों को इतने लंबे समय तक नहीं रोका जा सकता। इससे साबित है कि रिश्वत के मामलों में मेयर की भूमिका रही है। वहीं उनके पास से बरामद 41 लाख रुपए को ससुर की जमीन बेचकर प्राप्त होना बताया है तो इसका बैंक ट्रांजेक्शन होना चाहिए। इतनी बड़ी रकम नगद तौर पर नहीं ले सकते।

वहीं मुनेश के अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि मामले में एसीबी का प्रेस नोट व एफआईआर ही विरोधाभासी है। एसीबी का पांच अगस्त का प्रेस नोट कहता है कि मेयर के घर पर मेयर की मौजूदगी में उसके पति को दो लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकडा है। जबकि 6 जुलाई को दर्ज एसीबी की एफआईआर में साफ है कि रुपए मेयर के घर से बरामद नहीं हुए, बल्कि दलाल नारायण सिंह के घर से बरामद हुए थे। शिकायतकर्ता ने निलंबित मेयर के घर पर रिश्वत नहीं दी थी। पुलिस ने भी जो पंचनामा बनाया है उसमें भी मेयर के घर पर पति की मौजूदगी नहीं पाई है।

एसीबी की पूरी कार्रवाई दुर्भावनापूर्वक और निलंबित मेयर की छवि को धूमिल करने के लिए की है। इसलिए निलंबन आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाकर उसे रद्द किया जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सुनवाई बुधवार को भी जारी रखी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *