बजरी एवं पत्थरों के खनन से क्षुब्ध ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन,तहसीलदार को ज्ञापन

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मोरथला गांव में बनास नदी में बीते लंबे समय से लगातार बजरी एवं पत्थरों के खनन से क्षुब्ध ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन, दोषियों के विरुद्ध कारवाई की मांग

तहसीलदार को ज्ञापन देकर दोषियों के विरुद्ध कारवाई की मांग
आबूरोड, 27 अक्टूबर (ब्यूरो): आबूरोड उपखंड के मोरथला गांव की बनास नदी में बीते लंबे समय से लगातार बजरी एवं पत्थरों के खनन हो रहा है। शुक्रवार को ग्रामीणों द्वारा खनन का विरोध करने पर खनन कार्य कर रहे लोगों ने उनके साथ मारपीट की। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए तथा आबूरोड सदर पुलिस थाना को इसकी सूचना दी। इस पर हेड कांस्टेबल सुल्तानसिंह यहां पहुंचे। ग्रामीणों द्वारा दोषियों के विरुद्ध सख्त कारवाई की मांग की गई। पुलिस द्वारा ग्रामीणों से अपनी शिकायत लिखित में देने का आग्रह करते हुए हर आवश्यक कारवाई का भरोसा दिलाया गया। इसके बाद ग्रामीण तहसील कार्यालय पहुंचे तथा तहसीलदार सुनीता को जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि इस मामले में स्थानीय जिम्मेदार अधिकारियों तक जिला प्रशासन को कई बार बताने के बाद भी इस मामले में कोई कारवाई नही करने से इन लोगों के हौसले बुलंद है। मारपीट की घटना से मोरथला के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों द्वारा दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि मोरथला, में बीते 20 साल से भी ज्यादा समय से पश्चिमी बनास नदी के समीप नगर सुधार न्यास आबू के क्षेत्राधिकार की भूमि पर खनन माफियाओं द्वारा बजरी एवं पत्थरों का खनन किया जा रहा है। इससे इस भूमि पर लगभग 200 फीट तक गड्ढे हो गए है। खनन माफियाओं द्वारा रोजाना 50 से अधिक बजरी व पत्थरों के ट्रेक्टर भर के ले जाए जा रहे है। खनन माफियाओं द्वारा बजरी व पत्थर खनन से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।
पत्थर खनन के लिए कर रहे है ब्लास्टिंग
खनन माफियाओं द्वारा पत्थरों को तोड़ने के बारूद का उपयोग कर ब्लास्टिंग की जा रही है। इससे गांव के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित आवासीय मकानों में दरारें आ गई है तथा हमेशा हादसे का अंदेशा बना रहता है। ग्रामीणों द्वारा स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदारों पर आपसी मिलीभगत का भी आरोप लगाया गया है।

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