मुख्यमंत्री कुंठा का शिकार, इसलिए लगा रहे अनर्गल आरोप: भाजपा

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भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और महापौर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरा
जोधपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रसन्न मेहता, जोधपुर शहर जिलाध्यक्ष देवेन्द्र जोशी और नगर निगम दक्षिण की महापौर वनिता सेठ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुंठा का शिकार हो गए हैं और अपनी पार्टी में बढ़ रहे असंतोष से ध्यान हटाने के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और उनके परिवार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा शेखावत की दिवंगत माता का नाम बिना किसी प्रमाणित आधार पर घसीटना असहिष्णु होने का परिचायक है। उन्होंने कहा कि गहलोत संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के मामले में दर्ज एफआईआर में यदि कोई आरोप केंद्रीय मंत्री शेखावत पर लगा है तो उसे सार्वजनिक करें, ताकि आम जनता को भी इन आरोपों की सच्चाई ज्ञात हो सके।
तीनों नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि गत तीन दिन से केंद्रीय मंत्री शेखावत पर बिना सोचे-समझे और तथ्यों की जानकारी के बिना मुख्यमंत्री जो आरोप लगा रहे हैं, वह उचित नहीं हैं। केंद्रीय मंत्री पर तथ्यहीन आरोपों के हवाई फायर करके केवल आम जनता के बीच उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन मारवाड़ की जनता शेखावत के विद्यार्थीकाल से लेकर अब तक किए गए जनसेवा के कार्यों से अच्छी तरह वाकिफ है। कोरोनाकाल में जिस तरह से शेखावत ने आमजन के साथ कंधे से कंधा मिलकर जनता के बीच रहते हुए जो राहत पहुंचाने का कार्य किया, वह जनसेवा का अनुकरणीय उदाहरण है, जबकि मुख्यमंत्री और उनके पुत्र ने जोधपुर से किनारा कर लिया था।
तीनों नेताओं ने कहा कि संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संचालकों की कांग्रेस नेताओं के साथ निकटता जगजाहिर हो चुकी है। एक समय तो संजीवनी के संचालक कांग्रेस के टिकट के दावेदार भी थे। भाजपा केवल संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के निदेशक ही नहीं, अन्य कुछ सोसायटियों में जो घपला हुआ है, उसकी जांच कराने की मांग करती है और राज्य सरकार से भी आग्रह करती है कि केन्द्र सरकार द्वारा सहकारिता समितियों के संबंध में पारित किए गए कानून को राज्य सरकार भी अविलम्ब लागू करें, ताकि सामान्य निवेशकों के हित को संरक्षित किया जा सके।
मेहता, जोशी और सेठ ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत अपनी सरकार को अस्थिर करने का आरोप शेखावत पर मढ़ा है, जो कि उचित नहीं है। विद्रोह करने वाले सभी कांग्रेस के विधायक थे और आज भी वह कांग्रेस में ही हैं। खुद की पार्टी में अपनी ढीली पकड़ की खींज मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्री शेखावत पर निकालने का असफल प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक दल को संगठित रखना विधायक दल के नेता का दायित्व होता है और इस दायित्व के निर्वहन में गहलोत पूरी तरह से असफल सिद्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बार-बार केंद्रीय मंत्री शेखावत को निशाना बनाने के प्रयासों की भारतीय जनता पार्टी कड़ी निंदा करती है।

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