गोस्वामी ब्रजेश कुमार महाराज का निधन:कांकरोली के श्रीद्वारिकाधीश मंदिर के थे पीठाधीश; बड़ौदा के हॉस्पिटल में ली अंतिम सांस

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तृतीय पीठ प्रन्यास श्रीद्वारिकाधीश मंदिर कांकरोली के पीठाधीश गोस्वामी ब्रजेश कुमार महाराज का निधन

राजसमंद में तृतीय पीठ प्रन्यास श्रीद्वारिकाधीश मंदिर कांकरोली के पीठाधीश गोस्वामी ब्रजेश कुमार महाराज का सोमवार दोपहर को बड़ौदा (गुजरात) के एक हॉस्पिटल में निधन हो गया जिसके बाद मंदिर से जुड़े वैष्णवजन, सेवकों व स्थानीय नागरिकों में शोक की लहर छा गई।

वे करीब 84 वर्ष की उम्र के थे। जो लंबे समय से अस्वस्थ थे। ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर कुछ दिन से बड़ौदा के अस्पताल में ही उनका उपचार चल रहा था। पीठाधीश गोस्वामी ब्रजेश कुमार के निधन से राजसमंद में सहित मंदिर से जुडे़ वैष्णव परिवारों में शोक की लहर छा गई। बड़ौदा में सोमवार को उनका अंतिम संस्कार होगा। जिसकी गोस्वामी परिवार के सदस्य तैयारी में जुट गए।

डॉ. ब्रजेश कुमार महाराज का 1939 में कांकरोली में उनका जन्म हुआ। फिर 1980 से तृतीय पीठ प्रन्यास के श्रीद्वारकाधीश मंदिर कांकरोली के पीठाधीश है। सोमवार को श्रीद्वारकाधीश के राजसमंद के साथ मथुरा, वृंदावन, बड़ौदा के साथ अमेरिका में भी भव्य मंदिर हैं, जो सभी मंदिर पीठाधीश ब्रजेश कुमार के अधीन ही हैं।

सभी मंदिरों में तृतीय पीठ की परम्परा के अनुसार ही सेवा की जाती है। अस्पताल में उनके पुत्र डॉ. वागिश कुमार और गोद चले गए पुत्र डॉ. द्वारकेश लाल के साथ पूरा परिवार अभी हॉस्पिटल में उनके अंतिम समय साथ रहे।

सोमवार को बड़ौदा में उनकी पार्थिव देह को बड़ौदा स्थित पीठ पर लाया जाएगा, जहां गोस्वामी परिवार की परम्परानुसार पीठाधीश ब्रजेश कुमार की पार्थिव देह के केवड़ा बाग में अंतिम दर्शन के बाद अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।

पीठाधीश ब्रजेश कुमार के दो पौत्र वेदांत राजा व सिद्धांत राजा हैं। उल्लेखनीय है कि पीठाधीश ब्रजभूषणजी के निधन होने पर संवत 2037 में ब्रजेश कुमारजी तिलकाय चौदहवें तिलकायत बने थे।

बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे गोस्वामी ब्रजेश कुमार

दिवंगत गोस्वामी ब्रजेश कुमार बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। प्रशासनिक कुशलता, विद्या व्यसन व मानवीय संवेदना भी भरपूर थी। उनके कार्यशाला में गोशाला का विस्तार हुआ, जिससे 25 गायों से आज 500 से ज्यादा गायें हो गई। विट्ठलविलास बाग में गार्डन विकसित किया और मंदिर के बाहर पुरानी धर्मशाला को तोड़कर नए कॉम्प्लेक्स बनाए गए। साथ ही गायों के लिए 160 बीघा जमीन भी खरीदी।

जानकारी के अनुसार बड़ौदा के सविता हॉस्पिटल में रविवार शाम से उनके शरीर स्थिर हो चुका था। सोमवार को सुबह 11.30 बजे के करीब डॉक्टरों ने उनके निधन की घोषणा की।

ब्रजेश कुमार तृतीय पीठ के थे 14वें पीठाधीश

1. गोस्वामी बाल कृष्ण लालजी 2. गोस्वामी द्वारकेशजी 3. गोस्वामी गिरधरजी प्रथम 4. गोस्वामी ब्रजभूषणजी प्रथम 5. गोस्वामी गिरधरजी दूसरे 6. गोस्वामी ब्रजभूषण लाल जी ‘सेकंड’ 7. गोस्वामी विट्ठलनाथ जी 8. गोस्वामी ब्रजभूषणलालजी तृतीय 9. गोस्वामी पुरुषोत्तमजी 10. गोस्वामी गोस्वामी गिरधरजी तृतीय 11. गोस्वामी बालकृष्णलालजी 12. गोस्वामी द्वारकेशजी 13. गोस्वामी ब्रजभूष्णलालजी चतुर्थ 14. गोस्वामी ब्रजेश कुमारजी

परिवार में ब्रजेश कुमार के दो छोटे भाई

दिवगंत गोस्वामी ब्रजेश कुमार के दो भाई पराग कुमार और शिशिर कुमार है व इनके दो पुत्र वागेश कुमार व द्वारकेश लाल। इसके अलावा गोस्वामी ब्रजेश कुमार की पत्नी भी है, जो भी बड़ौदा में ही है। छोटे दोनों भाईयों के तीन बेटे नेमिष राजा, कपिल राजा व रौनक राजा है। हालांकि गोस्वामी ब्रजेश कुमार का पूरा परिवार अलग रहता है और दोनों छोटे भाईयों का परिवार अलग जगह है।

उल्लेखनीय है कि ब्रजेश कुमार जी को श्रीद्वारकाधीश मंदिर कांकरोली, गोस्वामी श्रीपराग कुमार को सूरत में श्रीलाडिलेशजी मंदिर और शिशिर कुमार के बुरहानपुर के श्रीलाडिलेशजी मंदिर हिस्से में रहा।

देश भर में 7 पीठ प्रमुख

जानकारी के अनुसार महाप्रभुजी के 7 पुत्र थे ओर सातों के सात स्वरूपम पदराए गए। जिससे देश में पुष्टिमार्ग सम्प्रदाय की सात मुख्य पीठ हैं। इन पीठों से जुडे सैकडों कृष्ण मंदिर भी हैं।

सबसे पहली पीठ कोटा के जतीपुरा में श्रीमथुरेशजी का मंदिर है, जबकि दूसरी पीठ नाथद्वारा में श्रीविट्ठलनाथजी मंदिर है। तृतीय पीठ में कांकरोली के श्रीद्वारकाधीश मंदिर, चौथी पीठ में गोकुल में श्रीगोकुलनाथजी मंदिर, पांचवीं पीठ में भरतपुर के कामां में गोकुल चन्द्रमाजी का मंदिर, छठीं पीठ में बड़ौदा स्थित श्रीकल्याणरायजी मंदिर और सातवीं पीठ कामां में श्रीमदनमोहनजी का मंदिर है।

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