इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को उस पादरी को जमानत दे दी, जिस पर 90 हिंदुओं पर अनुचित प्रभाव डालकर, धोखाधड़ी के जरिए जबरदस्ती करके और आसानी से पैसा मिलने का वादा करके उन्हें बहला फुसला कर ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का आरोप लगाया गया है। जस्टिस समीर जैन की पीठ ने मामले के रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सामान्य आरोपों के आधार पर उन्हें वर्तमान मामले में 35 नामित व्यक्तियों के साथ आरोपी बनाया गया था और 35 व्यक्तियों में से 6 व्यक्तियों को पहले ही जमानत पर रिहा किया जा चुका है और इस प्रकार वह समानता के आधार पर जमानत पर रिहा होने का हकदार है।
पीठ अनिवार्य रूप से विजय मसीह (पादरी) की जमानत याचिका पर विचार कर रही थी, जिसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 506, 420, 467, 468, 471 और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 की धारा 3/5(1) के तहत केस दर्ज किया गया था। मामले में एफआईआर वर्तमान आवेदक सहित 36 व्यक्तियों और 20 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई थी और आरोप के अनुसार आवेदक अन्य सह-आरोपी व्यक्तियों के साथ 90 हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवा रहा था।
2023-01-20