किसान ही इंजन है जिससे सरकार भी चलती है और हम भी:- धनखड़

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गुड़ामालानी मे बाजरा अनुसंधान केंद्र का उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया शिलान्यास
शिलान्यास कार्यक्रम मे हजारों की संख्या में पहुंचे किसान

बाड़मेर। गुड़ामालानी मे बाजरा अनुसंधान संस्थान केंद्र का शिलान्यास करने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हेलीकॉप्टर से गुड़ामालानी पहुंचे हेलीपेड पर किसानों व भाजपा कार्यकर्ताओ ने जोरदार स्वागत किया। हेलीपेड से गाड़ी मे बैठकर किसान सम्मेलन पहुंचे जहा राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की शुरुआत गई वही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, राजस्थान के कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी, जालोर सिरोही सांसद देवजी भाई पटेल, विधायक हमीर सिंह भायल ने बाजरे के सट्टे से गुलदस्ता बना कर भेंट किया और साफा सोल से स्वागत किया गया। उपराष्ट्रपति ने गुड़ामालानी मे केवीके के पास बाजरा अनुसंधान केंद्र का बटन दबाकर शिलान्यास किया जहा पर बाजरा अनुसंधान संस्थान केंद्र बनेगा। वही किसान सम्मेलन मे हजारों की संख्या मे किसान पहुंचे।

कैलाश चौधरी ने बताया कि आप और हम सबको पता है कि हैदराबाद में बाजार अनुसंधान हैं मिल्ट्स अनुसंधान में बाजरा जवाहर सहित कहीं पर रिसर्च होता है और अगर देश में कई केवल बाजरे का रिसर्च सेंटर हैं तो वह बाड़मेर के गुड़ामालानी में है जिसकी सौगात राजस्थान को नहीं पूरे विश्व भर को मिली है और उसका कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। पूरे राजस्थान की जनता की और से यहां पर पधारे सभी किसानों की ओर से प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हु। मेरा एक सपना था और मैं कृषि मंत्री बना तब भी क्योंकि बाजरे का उत्पादन सबसे ज्यादा राजस्थान में होता है और उसका रिसर्च हैदराबाद में हो रहा है तो क्यों नहीं राजस्थान में ही इनका ही रिसर्च हो लेकिन आज मेरा सपना है वह पूरा हो रहा है और दूसरा मैंने मेरे बचपन से बाजरे को स्वाद के साथ खाया है और हमेशा मैं बाजरे की रोटी खाता हूं लेकिन मैं दिल्ली गया तो वहा मैंने बाजरे की रोटी बहुत कम देखी सब लोग चावल खाते मिले लेकिन संसद में सभी ने बाजरे की रोटियां हमारे यहां के भाइयों के द्वारा बनाई गई जिसमे बाजरे की रोटी, बाजरे की खीर, बाजरे की राबड़ी और खिचड़ी का जिस तरीके से स्वाद लिया उससे मुझे बहुत खुशी हुई।अब प्रधानमंत्री की थाली में और उपराष्ट्रपति की थाली में भी बाजरे की रोटी आती है। बाजरे को गरीब का अन्न कहा जाता था लेकिन अब अमीर लोग भी बाजार को खाते है और प्रधानमंत्री ने पूरे देश ही नहीं विश्व में बाजरे को ले जाने का काम किया है और बाजरे का नाम श्री अन्न मिल्ट्स के रूप में दिया जिससे हमें बहुत खुशी हुई है और अब गुड़ामालानी मे बाजरे का रिसर्च सेंटर होगा जिससे किसानों को बहुत लाभ होगा।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों से संवाद करते हुए बताया कि नरेंद्र सिंह तोमर के नेतृत्व में वह सूझबूझ में कृषि के मामले में बहुत बदलाव किया है आपका ही माध्यम है आपकी ही सोच है की 80 करोड़ भारतीयों को चावल गेहूं जो मिल रहा है वह आज भी मिल रहा है आपकी ही सोच है कि किसानों को तरीके से सहसशक्ति आए। साल में तीन बार किसानों के खाते में सीधा पैसा आ रहा है यह पैसा 2 लाख 50 हजार करोड़ से ज्यादा हो चुका है यह नरेंद्र सिंह तोमर की देन है। प्रधानमंत्री ने समय निकालकर हमको बताया कि किसान कृषि के क्षेत्र में मुख्य केंद्र है। कैलाश चौधरी की बदौलत आज जो सौगात आपको मिल रही है इसकी नजर बाड़मेर को ही नहीं राजस्थान को ही नहीं देश को नहीं पूरी दुनिया पर पड़ रही है। केबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी के बारे मे बताया कि इनका जीवन अनुकरणीय रहा है और इन्होंने भी अपने जीवन में कई श्रेष्ठ कार्य किए है। कैलाश चौधरी युवा है और बड़े भाग्यशाली है कि इसके ऊपर दो-दो लोगों का हाथ है प्रधानमंत्री मोदी और नरेंद्र सिंह तोमर का जिससे आज यह सौगात मिली है। मे पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बना तब से बाड़मेर का बाजरा खा रहा हूं 10 साल में इतना काम किया जो 47 साल में नहीं हो सका और उसकी बदौलत और आपकी बदौलत से आज मैं उपराष्ट्रपति हूं और यह एक बदलाव का मौका है आज के युवा आज के किसान के अंदर एक खुशी है कि जिस तरीके से गुड़ामालानी मे बाजरा अनुसंधान केंद्र खुला है इस पर कहीं वैज्ञानिक रिसर्च करेंगे और यहां के किसानों को बहुत ही फायदा होगा और यह एक यादगार साबित होगा।

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