निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष बने वासुदेव देवनानी -कांग्रेस की ओर से नामांकन नहीं किया गया दाखिल

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-राजस्थान में निर्विरोध अध्यक्ष चुनने की परंपरा यथावत
-विधानसभा 19 जनवरी तक स्थगित

जयपुर, 21 दिसंबर (विशेष संवाददाता) : राजस्थान में निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने की परंपरा इस बार भी जारी रही। एक-दूसरे के घुर विरोधी बीजेपी-कांग्रेस सहित अन्य नेता अध्यक्ष चुनाव के लिए एक-दूसरे के प्रस्ताव का समर्थन करते नजर आए। इसी के चलते अजमेर उत्तर के बीजेपी विधायक व पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष बने। देवनानी को स्पीकर चुनने के लिए गुरुवार को सभी दलों के सदस्यों ने राजनीति को अलग रखकर आपसी सामंजस्य का परिचय दिया। वहीं शपथ नहीं ले पाए 8 विधायकों में से 6 को गुरुवार को शपथ दिलाई गई। शाम साढ़े चार बजे विधानसभा की कार्रवाई 19 जनवरी तक स्थगित कर दी गई।
देवनानी को स्पीकर चुनने के लिए सबसे पहले सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रस्ताव रखा। इसके बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे, डिप्टी सीएम दिया कुमारी और रालोपा के हनुमान बेनीवाल ने प्रस्ताव रखा। विधानसभा में स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति से करवाने की परंपरा रही है। स्पीकर पद के लिए विपक्ष से कोई नामांकन दाखिल नहीं हुआ। इस बार भी इसी परंपरा का निर्वहन किया गया। देवनानी ने बुधवार को पांच नामांकन भरे, जिन्हें विपक्ष के वरिष्ठ विधायकों ने समर्थन दिया। विपक्ष के विधायक भी देवनानी के प्रस्तावक और समर्थक बने।
पायलट ने किया सीएम भजनलाल के प्रस्ताव का समर्थन तो रोत ने वसुंधरा का
गुरुवार को स्पीकर के चुनाव के दौरान पक्ष और विपक्ष में सामंजस्य का रोचक उदाहरण देखने को मिला। जब एक-दूसरे के विरोधी माने जाने वाले नेता स्पीकर चुनने के लिए एक-दूसरे के प्रस्ताव का समर्थन करते नजर आए। सबसे पहले सीएम भजनलाल शर्मा वासुदेव देवनानी को विधानसभा स्पीकर चुने जाने का प्रस्ताव रखा और इसका सचिन पायलट ने समर्थन किया। इसके बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने दूसरा प्रस्ताव रखा, जिसका कांग्रेस के गोविंद सिंह डोटासरा ने समर्थन किया। देवनानी को स्पीकर चुनने का तीसरा प्रस्ताव वसुंधरा राजे ने रखा और इसका बीएपी के राजकुमार रोत ने समर्थन किया। चौथा प्रस्ताव डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने रखा और इसका चित्तौडग़ढ़ से निर्दलीय चंद्रभान सिंह आक्या ने समर्थन किया। पांचवां प्रस्ताव आरएलपी के हनुमान बेनीवाल ने रखा जिसका आरएलडी के सुभाष गर्ग समर्थन किया।

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