जयकारों के साथ निकली सांवलिया जी सेठ की विशाल रथयात्रा ,लाखों श्रद्धालुओं ने किए भगवान के दर्शन

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मंडफिया। मेंवाड अंचल के प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलिया जी सेठ के त्रि – दिवसीय मेले के दूसरे दिन जलझूलनी एकादशी को भगवान सांवलिया जी सेठ की विशाल रथयात्रा निकाली गई। रथयात्रा दोपहर 12 बजे मंदिर में रजत ( चांदी ) जड़ित रथ में भगवान सांवलिया जी सेठ की छवि ग्रह विराजित कर मंदिर पुजारी द्वारा विषेश पुजा अर्चना की गई। मंदिर बोर्ड अध्यक्ष भेरुलाल गुर्जर एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन एवं मंदिर के मुख्य निष्पादन अधिकारी अभिषेक गोयल ने एवं बोर्ड सदस्यों ने भगवान के दर्शन कर रथयात्रा की अगवानी की। इस मौके पर हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की के उद्घोष से सर्वत्र वातावरण कृष्ण भक्ति में ओत प्रोत हो गया।इस मौके पर लाखों श्रद्धालु जन उपस्थित थे। रथयात्रा में गुलाब की पंखुड़ियों व गुलाल, अबीर की वर्षा से मंदिर परिसर एवं समूचा कस्बा महक उठा। रथयात्रा में भक्त भगवान के चंवर ढुलाते, भजन कीर्तन करते, नाचते गाते, ढोल नगाड़ों की थाप पर झूमते हुए जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। रथयात्रा में विभिन्न बैंड पार्टियों की मधुर धुनों से एवं अन्य वाद्य यंत्रो की धुनों से सर्वत्र वातावरण कृष्ण भक्ति में ओत प्रोत हो गया। विशाल रथयात्रा मंदिर परिसर से धीमी गति से बढ़ते हुए शिव मंदिर चौक, गढ़ी का देवरा, कबूतर खाना होते हुए सांवलिया जी सरोवर पहुंचीं। जहां भगवान के बाल विग्रह की पुजा अर्चना कर स्नान कराया गया। इस मौके पर हजारों भक्तों ने भगवान सांवलिया जी सेठ के संग स्नान करने का खूब आनंद उठाया। इससे पूर्व भगवान श्री सांवलिया जी सेठ मंदिर के शिखर पर हेलीकॉप्टर द्वारा गुलाब पुष्प वर्षा कर भगवान की अगवानी की गई। रथयात्रा का जगह-जगह ग्रामवासियों ने स्वागत किया।

इधर मंडफिया निवासी सांवलिया भक्त मदनलाल माली की ओर से हजारों भक्तों को ताजा आरो पानी पिलाया गया। एकादशी का मेला आज पूर्ण यौवन पर था। चारों ओर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। रथयात्रा में मंदिर मंडल की ओर से काजू-बादाम, दाख व मिश्री के प्रसाद का भगवान को भोग लगाकर भक्तों को वितरण किया गया। भगवान के स्नान के पश्चात रथयात्रा विभिन्न मार्गों से होती हुई पुनः मंदिर परिसर में पहुंची। रथयात्रा के मंदिर में पहुंचे के पश्चात मंदिर पर रंग बिरंगी आतिशबाजी की गई। आतिशबाजी देख भक्त भाव विभोर हो रहे थे। बीती रात को कवि सम्मेलन, सांस्कृतिक कार्यक्रम,भजन संध्या एवं रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुतियां रात भर चली और भक्तों का मनमोह रही थी। मेलें में विभिन्न खाद्य सामग्रियों एवं खिलौनों की खूब बिक्री हुई। जलझूलनी एकादशी पर्व पर अनेक धर्म प्रेमियों द्वारा भी मेले में पधारने वाले भक्तों को भोजन,फल एवं फलहारी सामग्री निशुल्क वितरण कर पुण्य कमाया। मेले में मनोरंजन के लिए भक्तों ने झूला,चकरी व डोलर में झूलने का खूब आनंद लिया। इस विशाल त्रि – दिवसीय जलझूलनी एकादशी मेले का समापन कल मंगलवार को होगा। जिसमें विकलांगों को निशुल्क मोटोराईज्ड स्कूटी वितरण एवं प्रतिभा सम्मान समारोह व कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।

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