आरपीएससी तक पहुंचे एसओजी के हाथ: रीट पेपर लीक प्रकरण में एसओजी आज कर सकती है खुलासा

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-सदस्य और चालक सहित रितेश्दार हिरासत में
-पूछताछ के बाद तीनों की गिरफ्तारी तय
जयपुर, 18 अप्रैल (ब्यूरो): प्रदेश के बहुचर्चित द्वितीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक प्रकरण में एसओजी की जांच आरपीएससी तक पहुंच गई है। पर्चा माफियाओं से सांठगांठ और मोटी डील के चलते प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाने वाले आरपीएससी सदस्य और चालक सहित इनके एक रिश्तेदार को हिरासत में लिया है। तीनों से पूछताछ के बाद गिरफ्तारी तय मानी जा रही है जिसका एसओजी बुधवार को खुलासा कर सकती है।
एसओजी सूत्रों के अनुसार राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर के सदस्य बाबूलाल कटारा, चालक गोपाल सिंह और बाबूलाल के भांजे विजय कटारा को हिरासत में लिया है। तीनों ने अलग-अलग और आमने-सामने बैठाकर हुई पूछताछ में नकल माफिया से सांठगांठ और रीट पर्चा लीक से जुड़े होने ठोस साक्ष्य मिलने की बात सामने आई है। एसओजी अब किसी भी वक्त इनकी गिरफ्तारी कर सकती है जिसके चलते बुधवार को खुलासे की संभावना है।

ऐसे पकड़े तीनों
एसओजी महानिरीक्षक विकास सांगवान की नेतृत्व में गठित टीम ने आरपीएसएसी सदस्य बाबूलाल कटारा और चालक गोपाल सिंह को अजमेर स्थित उनके घर से हिरासत में लिया। तीसरे संदिग्ध विजय कटारा को उसके गांव बगदारी रामपुर जिला डंूगरपुर से पकड़ा है। टीम तीनों से पूछताछ कर पर्चा लीक माफियाओं की अहम कड़ी अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा से संपर्कों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
गौरतलब है कि बाबूलाल कटारा राजकीय सेवा में रहा है। आदीवासी क्षेत्र से आने वाले कटारा की नियुक्ति वर्ष 2020 में आरपीएससी सदस्य के रूप में हुई थी। इसके साथ ही 2 महिलाओं सहित एक अन्य को भी आरपीएसएसी सदस्य बनाया गया था।

ऐसे बढ़ा जांच का दायरा
एसओजी ने इस प्रकरण में दर्जनों से ज्यादा गिरफ्तारियां की हैं जिनमें गिरोह से जुड़े लोगों के साथ परीक्षार्थी भी शामिल हैं। बाद में मास्टरमाइंड भूपेन्द्र सारण को गिरफ्तार किया तो उसने रीट प्रश्न पत्र 1 करोड़ रुपए में एक स्कूल के वाइस प्रिंसीपल अनिल मीणा उर्फ शेरसिंह मीणा से खरीदना बताया था। एसओजी ने शेरसिंह को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की तो उसने अगली कड़ी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा से सांठगांठ के इनपुट दिए जिसके चलते एसओजी ने जांच का दायरा बढ़ाकर मंगलवार को उसे और चालक सहित भांज को हिरासत में लिया। हालांकि गैंग का एक और मास्टरमाइंड सुरेश ढाका फिलहाल फरार चल रहा है।


सेकंड ग्रेड पेपर लीक मामले में एसओजी ने आरपीएससी सदस्य कटारा सहित तीन को किया गिरफ्तार
अजमेर, 18 अप्रैल : एसओजी ने सेकंड ग्रेड पेपर लीक मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा, आरपीएससी के ड्राइवर गोपाल सिंह और बाबूलाल कटारा के भांजे विजय कटारा को गिरफ्तार किया है। एसओजी ने यह कार्रवाई वरिष्ठ अध्यापक प्रतियोगी परीक्षा 2022 के पेपर लीक मामले में की है। आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा और ड्राइवर गोपाल सिंह को अजमेर से गिरफ्तार किया गया है, जबकि विजय कटारा को डूंगरपुर से हिरासत में लिया है। आयोग के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब पेपर लीक के मामले में किसी सदस्य को हिरासत में लिया गया है।
एसओजी के एसपी विकास सांगवान ने बताया कि कटारा सहित तीन को गिरफ्तार किया है। इनके घरों की तलाशी ली गई है। फिलहाल इन्हें जयपुर लाया गया है। तीनों आरोपियों से एसओजी पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर कैसे आरपीएससी के जरिए आरोपी शेरसिंह तक यह पेपर पहुंचा। बता दें कि कुछ दिन पहले ही भूपेंद्र सारण को पेपर बेचने वाला शेर सिंह मीणा गिरफ्तार हुआ था। उसने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करने के लिए आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा से संपर्क करने की बात कही थी।

आरपीएससी मेम्बर से चार साल पहले की थी दोस्ती
शेरसिंह मीणा की डूंगरपुर के बाबूलाल कटारा से चार साल पुरानी दोस्ती है। उस समय वह उदयपुर के आदिम जाति शोध संस्थान के निदेशक पद पर कार्यरत था। शेरसिंह को पता था कि बाबूलाल कटारा आने वाले समय में आरपीएससी का मेंबर बन सकता है। इसलिए आरपीएससी में सेंध लगाने के लिए वह लगातार बाबूलाल कटारा से संपर्क में रहा। इस दौरान 15 अक्टूबर 2020 को बाबूलाल कटारा को आरपीएससी का मेंबर बनाया गया तो दोनों की नजदीकी और बढ़ गई। माना जा रहा है कि सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र में कटारा ने ही मूल प्रश्नपत्र से प्रश्न चुराकर आरोपी शेरसिंह राणा को उपलब्ध कराए थे।

जो संस्था परीक्षा करवा रही, वही पेपर लीक कर रही
राजस्थान के परीक्षा इतिहास में यह पहली घटना है कि जिसमें जो संस्था परीक्षा आयोजित करवा रही, उसी संस्था के जिम्मेदार सदस्य पर प्रश्नपत्र लीक करने का संगीन आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि सेकंड ग्रेड भर्ती परीक्षा के प्रश्नों की लूट में लाखों रुपए का लेन-देन हुआ और लाखों परीक्षार्थियों को परेशानी के दौर से भी गुजरना पड़ा। आयोग के सदस्य की यह गिरफ्तारी तब हुई है, जब छह माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में विपक्ष पेपर लीक के मामलों को आधार बनाकर गहलोत सरकार पर हमले तेज कर सकता है।
परीक्षा की तैयारियों के समय कटारा के संपर्क में था
एसओजी सूत्रों के मुताबिक शेरसिंह मीणा ग्रेड सेकंड भर्ती परीक्षा की तैयारियों के समय कटारा से लगातार संपर्क में रहा। इस दौरान वह भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने का प्रयास करता रहा। भर्ती परीक्षा का पेपर आते ही उसने पेपर करीब एक करोड़ रुपए में भूपेंद्र सारण को बेच दिया। इसके बाद भूपेंद्र सारण ने 20 लाख रुपए का अपना कमीशन रखकर पेपर सुरेश ढाका को बेच दिया। सुरेश ढाका ने पेपर अपने साले सुरेश बिश्नोई को दिया था। सुरेश बिश्नोई ने वह पेपर अभ्यर्थियों को पांच से आठ लाख रुपए में बेचा।

कौन है कटारा?
बाबूलाल कटारा जनजाति अंचल का प्रतिभावान अधिकारी रहा है। उसने 15 अक्टूबर 2020 को आरपीएससी सदस्य का पदभार ग्रहण किया। वह उदयपुर के माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (टीआरआई) का निदेशक रहा। मूलरूप से डूंगरपुर जिले के मालपर निवासी कटारा ने श्री भोगीलाल पंड्या राजकीय महाविद्यालय डूंगरपुर से ही अपनी कॉलेज शिक्षा पूर्ण की। कटारा ने अर्थशास्त्र के व्याख्याता के रुप में अपनी राजकीय सेवा की शुरुआत की थी और सांख्यिकी विभागीय सेवा में आने के बाद खेरवाड़ा व सागवाड़ा में विकास अधिकारी पद पर भी सेवाएं दी हैं। उनका एक बेटा चिकित्सक है। उसने आरपीएससी सदस्य मनोनीत होने से पहले राजकीय सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी।

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