राजस्थान में राइट टू हेल्थ कानून बना:शिक्षा, खाद्य के बाद स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला पहला राज्य बना

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राजस्थान में राइट टू हेल्थ (RTH) विधेयक को राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को मंजूरी दे दी। इस विधेयक को लेकर राजस्थान में पिछले महीने डॉक्टर्स का बड़ा आंदोलन चला था। इसके बाद सरकार और डॉक्टर्स की वार्ता में 8 बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल को भिजवाया गया था।

राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां लोगों को शिक्षा, खाद्य के बाद अब स्वास्थ्य का अधिकार मिलेगा। इस बिल के पास होने से मतलब है कि राज्य का कोई भी नागरिक बीमार होता है। उसे राज्य की सरकार और चुनिंदा प्राइवेट हॉस्पिटल को इलाज देना होगा। अगर उस व्यक्ति के पास पैसे नहीं हैं। फिर भी सरकार की ओर से इसके इलाज का खर्चा उठाया जाएगा। फिलहाल फ्री इलाज की सुविधा केवल सरकारी हॉस्पिटल में है। अगर आपातकालीन स्थिति में कोई मरीज या दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में भी पहुंचता है। उसे उस हॉस्पिटल की इमरजेंसी में प्राथमिक और जरूरी इलाज दिया जाएगा। इसके लिए अगर व्यक्ति हॉस्पिटल को पैसे नहीं देता है। उसका खर्चा राज्य सरकार अपने कोष से देगी।

इन बिल को भी दी मंजूरी

राज्यपाल ने आरटीएच के अलावा बजट सत्र में 20 मार्च को पारित ‘ राजस्थान नगर पालिका संशोधन विधेयक 2023’, ‘ बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय, जयपुर विधेयक 2023 ‘ और ‘ राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापन और प्रवर्तन का सुकरीकरण) (संशोधन) विधेयक 2023’ को भी मंजूरी दे दी है। नगर पालिका संशोधन विधेयक के मंजूर होने के बाद अब सरकार के पास ये अधिकार मिल गए है कि वे पालिका के किसी भी सदस्य को अपने स्तर पर पद से बर्खास्त कर सकती है।


अधिवक्ता संरक्षण विधेयक राष्ट्रपति को भेजा
राज्यपाल ने “राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक 2023′ को केंद्रीय अधिनियम के प्रावधानों के संशोधन से संबंधित होने के कारण राष्ट्रपति को भेजा है। ये विधेयक विधानसभा में पारित हुआ, लेकिन इस विधेयक पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 200 के उपबंध लागू होते हैं, इसलिए इसे राष्ट्रपति को भिजवाया गया।
सबसे पहले पढ़िए- RTH के दायरे में आने वाले JAIPUR AND UDAIPUR जिले के अस्पतालों की पूरी लिस्ट…

जयपुर : 3 अस्पताल दायरे में

ये निजी/ट्रस्ट/सोसायटी के अस्पताल RTH के दायरे में : महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, जेएनयू मेडिकल कॉलेज, निम्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल।
दायरे में नहीं : बीएमसीएचआरसी, एसडीएमएच, फोर्टिस, सीके बिड़ला, ईएचसीसी, नारायणा, जीवन रेखा, साकेत, टैगोर हॉस्पिटल, सीकेएस, शैल्बी, एचसीजी, रूंगटा, जीवन रेखा, सूर्या, सेंट थॉमस मेडिकल हॉस्पिटल आदि।
उदयपुर : 6 अस्पतालों में मिलेगा फ्री इलाज

RTH के दायरे में : गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, अनंता मेडिकल कॉलेज, अमेरिकन मेडिकल कॉलेज, पेसिफिक मेडिकल कॉलेज,अलख नयन मंदिर, नारायण सेवा संस्थान हॉस्पिटल।
दायरे में नहीं : सनराइज हॉस्पिटल जन सेवा ट्रस्ट, सिद्धि विनायक हॉस्पिटल।

पहले : RTH बिल के दायरे में प्रदेश के सभी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज आ रहे थे
अब : वर्तमान स्थिति में राजस्थान RTH के दायरे में निजी/ट्रस्ट/सोसायटी के 5 प्रतिशत अस्पताल भी नहीं आ रहे हैं।
पहले : निजी मेडिकल कॉलेजों को इस दायरे में रखा गया
अब : निजी मेडिकल कॉलेजों ने RTH का विरोध नहीं किया, ऐसे में राजस्थान के 9 मेडिकल कॉलेज आरटीएच के दायरे में आ जाएंगे।
पहले : पहले निजी निजी/ट्रस्ट/सोसायटी के अस्पतालों के सरकारी फायदे उठाने वाली बात शामिल नहीं थी।
अब : अब ये तय किया गया है कि जिन्होंने सरकार से जमीन मुफ्त या सब्सिडी के आधार पर ली हो। इनमें भी सिर्फ वही अस्पताल इस दायरे में होंगे, जिन्होंने सरकार से जमीन लेने के दौरान हुए एमओयू की टर्म्स एंड कंडीशन में यह बात स्वीकार की हो कि वे भविष्य में सरकार का काम करेंगे। जिनकी टर्म्स एंड कंडीशन में ये चीजें नहीं होंगी, वे फिलहाल RTH के दायरे में नहीं आएंगे।
आम आदमी को इस बिल से क्या फायदा होगा

प्री-पेमेंट से बचाव, तत्काल इलाज : सड़क हादसे, सांप या अन्य की बाइट या किसी और इमरजेंसी के समय आम आदमी बिना कोई प्री-पेमेंट के इलाज से सकेगा। तत्काल इलाज शुरू होने से जान बचने के चांसेस अधिक होंगे।
फीस का दबाव नहीं : अस्पताल मरीज पर किसी भी तरह की फीस के लिए दबाव नहीं डालेंगे। अगर व्यक्ति इलाज के बाद पैसा देने में असमर्थ होगा तो उसका पैसा सरकार देगी।
बिल लेने का अधिकार : पेशेंट को अस्पताल से सभी तरह के ट्रीटमेंट का बिल लेने का अधिकार होगा। गैर जरूरी वसूली से पेशेंट बच सकेगा।
अपील का अधिकार : इलाज से संतुष्ट नहीं होने पर पेशेंट को अपील करने का अधिकार होगा। अस्पताल के दोषी पाए जाने पर जुर्माना लगेगा। अपील की प्रक्रिया और शिकायत के तरीके भी आसान किए गए हैं।
बीमारी के बारे में जानने का अधिकार : पेशेंट को तमाम तरह के अस्पतालों और डॉक्टर्स से अपनी बीमारी के बारे में जानने, समझने का अधिकार मिलेगा। वह जो चाहे, जैसी चाहे जानकारी अपने डॉक्टर से मांग सकता है।
नोट : हालांकि बिल को लेकर अभी सरकार की ओर से नियम तैयार नहीं किए गए हैं। जब नियम तैयार हो जाएंगे तो राइट टू हेल्थ को लेकर ज्यादा स्पष्टता आ सकेगी।

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