प्रतापगढ़ अजमेर विद्युत निगम की कारगुजारी बाड़ ही खा रही खेत

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कर्मचारी बने ठेकेदार, लाखों के माल की हो रही हेराफेरी
उच्चाधिकारियों को शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्यवाही

प्रतापगढ़. यहां अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में विगत कई सालों से कर्मचारी ठेकेदार बन कर निगम को लाखांे रूपयों का चूना लगा रहे है। जबकि विभागीय नियमानुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने स्वयं या अपने किसी भी रिश्तेदार के नाम से कोई फर्म का गठन कर सरकारी ठेका नहीं ले सकता है। उसके बावजुद निगम में कार्यरत तकनीकी सहायक अभयसिंह राव एवं दुर्गाशंकर टांक समेत कई और भी ऐसे अधिकारी और कर्मचारी है जो अपने परिवार और रिश्तेदारों के नाम से फर्म बनाकर निगम का कार्य कर रहे है। जिसको लेकर यहां के स्थानीय ठेकेदारांे ने इसकी लिखित शिकायत अजमेर विद्युत वितरण निगम के महाप्रबंधक से भी की गई है। जिसको लेकर महाप्रबंधक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रतापगढ़ अधिक्षण अभियंता को इसकी जांच सौंपी थी। लेकिन आठ माह व्यतीत होने के बाद भी मामले की जांच पुर्ण नहीं हो पाई है। चुंकि इस मामले में अधिकारी और कर्मचारी दोनो की मिलीभगत से स्टोर से लाखों रूपए की सामग्री खुर्दबुर्द करने का मामला था जिसमें शिकायत होने पर अधिकारी स्वयं अपने और अधिनस्थ कार्मिकों को बचाने का प्रयास करते रहे थे। इस मामले में जांच होने पर तकरीबन आधा दर्जन कार्मिकों को निलंबन झेलना पड़ा था। निलबंन के बाद बहाल होने पर दोषी कार्मिक को पुनः स्टोरकीपर एवं भण्डार का प्रभार सौंपना समझ से परे है। इससे लगता है। भांग पुरे कुंए में ही घुली हुई है।

हाल ही में चार दिवस पूर्व भी स्टोर से एक टेªेक्टर भर कर विद्युत उपकरण और अन्य सामग्री की चोरी होने के मामला सामने आया है। मामले में संबंधित कार्मिक अपने आपको सही साबित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड रहा है। जानकारी में आया है कि निगम परिसर से माल गायब होने की सूचना किसी अन्य व्यक्ति को लगने पर उसने विभाग के उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। मामला फेल होते देख स्टोर कीपर अभयसिंह राव अपने आपको सही सबित करने के लिए आनन फानन में पुलिस थाने पहुंच कर इसकी रिपोर्ट दर्ज करावाई और आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले जिस पर टेªेक्टर ड्राईवर और टेªेक्टर का खुलासा होने पर उसे पकड़ कर माल वापस स्टोर में रखवाया गया है। जबकि तकनिकी सहायक अभय सिंह राव को 1 माह पूर्व ही स्टोर कीपर के चार्ज से हटाने के आदेश के बाद भी संम्बन्धित अधिकृत को चार्ज नही दिया जाना …..अपने आप में कई सवाल उत्पन्न कर रहा है

इसमें देखने वाली बात यह है कि जब माल समेत टेªेक्टर पकड़ा गया था तो उसे पुलिस थाने क्यों नहीं ले गए। ड्राईवर से कोई पूछताछ क्यों नहीं की गई आदि ऐसे कई प्रश्न है। जो इस पुरे मामले में स्टोर कीपर को संदेह के घेरे में खड़ा करते है।
गौरतलब है कि गत वर्षो में तकनीकि सहायक अभयसिंह राव समेत आधा दर्जन से अधिक कार्मिकांे पर स्टोर में रखे माल को खुर्दबुर्द करने के आरोप में निलंबित किया गया था। उसके बावजुद विभाग इन कार्मिकों पर कोई ठोस कार्यवाही करने मंे अपने आपको अक्षम साबित हो रहा है। सर्किल अधिकारी इसके पीछे किसी प्रभावशाली व्यक्ति के हाथ होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

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