नैंनवां विधानसभा क्षेत्र : नामांकन-पत्र दाखिल करने के‌ लिए दूसरे दिन कोई नामांकन-पत्र नहीं ।

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नैंनवां 31 अक्टूबर (ब्यूरो)। जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन-पत्र दाखिल करने के‌ लिए दूसरे दिन मंगलवार को भी कोई अपना नामांकन-पत्र प्रस्तुत करने नहीं पहुंचा। तीनों विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन विभाग से जुड़े अधिकारी कर्मचारी दिनभर इंतजार करते रहे।
नामांकन पत्र दूसरे दिन दाखिल नहीं होने का मुख्य कारण दोनों ही दलों द्वारा प्रत्याशियों की स्थिति स्पष्ट नहीं करना माना जा रहा है। प्रत्याशी घोषित करने को लेकर जिले में दोनों ही दलों में जबरदस्त चुनावी चौसर पर शह-मात का खेल चल रहा है। इसी वजह प्रत्याशी नहीं घोषित करना बताया जा रहा है।
भाजपा द्वारा चौथी बार घोषित प्रत्याशी विधायक अशोक डोगरा के खिलाफ तगड़ा बवाल मचा हुआ है। इनके खिलाफ आज नामधारी भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। इन नेताओं का कहना है कि गत चुनाव में भी अशोक डोगरा कांग्रेस में जबरदस्त खेमेबंदी घात प्रतिघात के खेल एवं निर्दलीय उम्मीदवार उतारने के बावजूद 713 मतों से अपनी जीत दर्ज कर पाए थे।
इन नेताओं का आरोप है कि अपने 15 साल के कार्यकाल में यह बूंदी विधानसभा क्षेत्र में कोई खास उपलब्धि दर्ज नहीं कर पाए हैं। भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष कुंज बिहारी बिल्लियां, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भगवान लाडला पूर्व महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष मीनू शर्मा समेत नामधारी नेताओं एवं पदाधिकारी ने डोगरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन नेताओं ने आला कमान को पत्र भेज कर प्रत्याशी बदलने का आग्रह किया है।

‌‌ नामांकन पत्र दाखिल करने से पूर्व घोषित प्रत्याशी के खिलाफ जबरदस्त बवाल मचने के कारण उनकी स्थिति विकट हो गई है। यह बवाल चुनाव में क्या गुल खिलाएगा यह तो भविष्य की गर्भ में है लेकिन डोगरा की राह इस बार संकट में दिख रही है।
के पाटन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस में भी घोषित प्रत्याशी सीएल प्रेमी के खिलाफ कांग्रेस खेमे में गुस्सा व्याप्त बताया जा रहा है। प्रेमी के खिलाफ गत चुनाव में अधिकृत प्रत्याशी रहे पूर्व युवा जिला प्रमुख राकेश बोयत अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ दिल्ली दरबार में हाजिरी बजाकर आलाकमान के पास न्याय दिलाने के लिए मांग कर रहे हैं। निष्ठावान कार्यकर्ता भी अपनी भावनाओं से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के पास अपनी भावनाएं पहुंच चुके हैं।

‌ यह कांग्रेसी कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी के खिलाफ गत चुनाव में जिला अध्यक्ष पद पर तैनात होने के बावजूद अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकने की बात जोर-जोर से उठा रहे हैं। इस माहौल में कांग्रेस खेमे में चिंता व्याप्त भी हो रही बताई। वही भाजपा फिलहाल अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर पाने के कारण भाजपा कार्यकर्ता असमंजस में है। भाजपा खेमे में प्रत्याशी को लेकर कयासों का दौर चल रहा है।

यही आलम हिंडौली नैंनवां विधानसभा क्षेत्र का है। कांग्रेस ने इस सीट से तीसरी बार खेल राज्य मंत्री रहे अशोक चांदना को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी दंगल में उतार दिया है। चांदना के खिलाफ भी सार्वजनिक नहीं लेकिन आंतरिक रूप से कांग्रेस खेमे में नाराजगी की सुगबुगाहट आहटें शुरू होना बताया जा रहा है। चांदना के खिलाफ विरोधी भी चुनावी चौसर पर अपने मोहरें सेट करने में लग रहे बताएं।
चांदना के खिलाफ विरोधी उनके खिलाफ क्षेत्र में व्याप्त जबरदस्त भ्रष्टाचार की गूंज, भूमाफियाओं का बोलबाला, एक भी उपलब्धि धरातल पर नहीं उतरने, 5 साल बाद भी जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों का बेहतर नहीं होना,एन एच 148 डी हाईवे तैयार हुए बरसों बीत जाने के बावजूद 5 साल में इस हाइवे पर बेहतर यातायात सुविधा उपलब्ध नहीं करवाना, चिकित्सा का बेहतर प्रबंध नहीं होना आदि प्रमुख मुद्दे उठाने के मूड में लग रहे हैं।

इस क्षेत्र से भाजपा ने अपना अधिकृत प्रत्याशी अब तक घोषित नहीं करने के कारण भाजपा खेमे में हलचल नहीं है। वैसे पूर्व काबिना मंत्री डॉक्टर प्रभु लाल सैनी की क्षेत्र में लगातार बढ़ती सक्रियता के कारण उनको ही प्रत्याशी माना जा रहा है। डॉक्टर सैनी हाल ही में जगह-जगह पहुंचकर कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों से मुलाकात करने में जुटे हुए हैं। इस क्षेत्र से एक बार विधायक रह चुके डॉक्टर सैनी की लोकप्रियता चांदना से कम नहीं आती जा रही है। राजनीतिक परिदृश्य पर एवं क्षेत्र के समीकरणों के जानकार बताते हैं कि भाजपा से डॉक्टर सैनी के कूदने के बाद चुनावी मुकाबला तगड़ा होना तय शुदा है।

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