ज़िम्मेदार की लापरवाही ने मासूम की जान ली

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पाली 28 सितंबर ओम वैष्णव ज़िम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते कलेक्टर कार्यालय के बाहर नगर परिषद के खुले नाले में गिरने से 14 माह के मासूम बालक की मौत हो गई। कीचड़ से भरे इस नले पर अगर ढक्कन से कवरिंग होती तो शायद मासूम की जान बच सकती थी । कलेक्टर कार्यालय के बाहर इस हादसे ने नगर परिषद की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं । जानकारी के अनुसार अमृतलाल जाति नट निवासी जगदंबा कॉलोनी नयागांव की पत्नी राखी नट पेट के गुज़ारे के लिए कलेक्टर के बाहर फाइल बेचने का काम करती है । उसके साथ 14 माह का अंकित भी साथ था ,बच्चा छोटा होने के कारण उसकी मां उसे भी रोजाना साथ लेकर आती थी। ग्राहक आने पर उसकी मां काम में लग गई। और मासूम अंकित उसके आसपास ही खेल रहा था। खेलते खेलते मासूम अचानक नगर परिषद के खुले नाले में गिर गया। ग्राहक जाने के बाद उसकी मां ने देखा तो उसका बच्चा अंकित नजर नहीं आने पर उसने ढूँढने का प्रयास किया। और काफी देर ढूंढने के बाद बच्चा नहीं मिलने पर उसकी मां रोने लगी तभी उसकी आवाज सुनकर लोगों ने बच्चा ढूंढने में उसकी मदद की जब लोगों ने देखा नाले के पास कुछ बुलबुल उठ रहे थे। तभी नाले में पत्थर डालने पर बच्चों का हाथ दिखा तो लोगों ने बच्चों को नाले से बाहर निकाल कर उसे पाली के बांगड़ अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने बच्चों को मृत घोषित कर दिया। और उसकी सूचना पुलिस को दी सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक बालक के परिजनों के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया और बालक के शव को परिजनों को सौंप । इस घटना के बाद लोगों का कहना है कि अगर नगर परिषद समय रहते हुए नाले को ढककर से कवर कर लेते तो शायद यह हादसा नहीं होता । इस घटना में नगर परिषद की भी पूरी तरह की लापरवाही नज़र आ रही है । लोगों का कहना है कि जब कलेक्टर कार्यालय के बाहर यह स्थिति है तो पूरे शहर का क्या हाल होगा ।

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