रणथम्भौर नेशनल पार्क में बाघिन टी.79 के शावक की मौत

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मीडिया को मृत शावक के कवरेज करने से रोका गया

सवाई माधोपुर, 5 सितंबर (ब्यूरो): रणथंभौर नेशनल पार्क के फलौदी रेंज के भैरूपुरा नाका वन क्षेत्र में बीमार अवस्था में मिले बाघिन टी 79 के शावक ने उपचार से पहले ही दम तोड़ दिया। जिसका पोस्टमार्टम के बाद दाह संस्कार कर दिया गया।
रणथंभौर नेशनल पार्क के डीएफ ओ मोहित गुप्ता ने बताया कि फ लौदी रेंज के भैरूपुरा नाका वन क्षेत्र में वन विभाग की टीम को सवाईगंज के आगे कुंडली नदी के बीहड़ क्षेत्र के बादलगंज क्षेत्र में कमजोर अवस्था में शावक नजर आया। इस बारे में वनकर्मियों ने वन अधिकारियों को अवगत कराया गया। सूचना पर वन विभाग के वेटरनरी डॉक्टर डॉ.सीपी मीणा मौके पर पहुंचे। इसके बाद वेटरनरी डॉक्टरों ने वनकर्मियों के साथ शावक की मॉनिटरिंग करना शुरू की। लेकिन इससे पहले वन विभाग की टीम और डॉक्टर्स शावक के उपचार के कोई कदम उठाते शावक निढ़ाल होकर गिर गया। जिसके बाद डॉक्टर्स ने शावक को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वन विभाग की टीम ने शावक के शव को शहर स्थित राजबाग नाके लाया गया। जहां पर वन विभाग, प्रशासनिक व अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में शावक के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
उम्र करीब ढाई माह
यह शावक बाघिन टी.79 के तीसरे लीटर (ब्यात) की संतान है। वन अधिकारियों ने बताया कि शावक काफ ी कमजोर था। प्रथमदृष्टया शावक की मौत का कारण शारीरिक दुर्बलता को माना जा रहा है। हालांकि मौत के कारणों का स्पष्ट रूप से खुलासा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही हो सकेगा।
मां को ट्रैकिंग करने में जुटा वन विभाग
शावक की मौत के बाद अब वन विभाग की ओर से जिस इलाके में शावक का शव मिला है। वहां से पांच किमी के क्षेत्र में बाघिन को ट्रैस करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए वन विभाग की ओर से टीम को तैनात किया गया है। हालांकि अब तक विभाग की टीम को बाघिन को ट्रैस करने में सफ लता नहीं मिल सकी है। वहीं जिस क्षेत्र में शावक का शव मिला है वह क्षेत्र वन क्षेत्र से डेढ़ किमी दूर बताया जा रहा है।
मीडिया को कवरेज करने से रोका
शावक की मौत की सूचना के बाद मीडियाकर्मी कवरेज के लिए नाका राजबाग पहुंचे। इस दौरान वन विभाग की ओर से मीडियाकर्मियों को बाहर रोक दिया गया। काफी जद्दोजहद के बाद मीडिया को यहां करवेज के लिए बुलाया गया। लेकिन जब तक शावक के शव को अंतिम के लिए ले जाया जा चुका था। जिसके चलते मीडिया को मृत शावक के फ ोटो वीडियों नहीं मिल सके।
मौत के कारणों को नहीं किया स्पष्ट
फि लहाल वन विभाग की ओर से शावक की मौत की एफ आईर दर्ज की गई है। वन विभाग आस पास के मृत जानवरों के सैंपल्स और वाटर पाइंट जांच की जा रही है, लेकिन शावक की मौत और बाघिन कहां है। इसे स्पष्ट नहीं किया गया है।
चार में से तीन शावकों की हो चुकी है मौत
वन अधिकारियों ने बताया कि बाघिन टी.79 ने अब तक चार शावकों को जन्म दिया है। जिनमें से दो शावकों की मौत हो चुकी है और एक शावक लम्बे समय से लापता है जबकि एक फ ीमेल शावक का विचरण फ लौदी रेंज में बना हुआ है। इससे पहले अप्रैल 2018 में फलौदी रेंज के आवंड वन क्षेत्र में दो शावकों के शव मिले थे। तब शावकों की मौत जहर से होने की आशंका भी जताई गई थी।
इनका कहना है…
मंगलवार सुबह गश्त के दौरान बाघिन टी.79 का एक शावक कमजोर हालत में नजर आया था। सूचना पर वन विभाग की टीम चिकित्सक के साथ मौके पर पहुंची थी, लेकिन चिकित्सकों के उपचार करने से पूर्व ही शावक की मौत हो गई। शावक का पोस्टमार्टम करा कर अंतिम संस्कार कर दिया गया है। मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा।
-मोहित गुप्ता, उपवन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर

सीसीएफ पी. काथीरवेल का कहना है कि हमें सुबह बाघिन के शावक के मृत होने की सूचना मिली थी। इस पर हम मौके पर पहुंचे तो शावक मृत अवस्था में मिला । इसको वहां से उठाकर राजबाग चौकी पर लाया गया। मीडिया के सवाल पूछने पर बताया गया कि शावक की मौत मां से दूर रहने के कारण आई कमजोरी से हुई है। हकीकत क्या है इस बारे में वन विभाग कुछ स्पष्ट नहीं बता रहा । जबकि वन विभाग द्वारा जारी प्रेसनोट में एफ आईआर दर्ज करना बताया गया है।

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