कृष्णमय छोटीकाशी में चहुंओर छाया कान्हा जन्म का उल्लास -गोविंद देवजी में मध्यरात्रि को हुआ जन्माभिषेक

Share:-


जयपुर, 7 सितंबर (ब्यूरो): भाद्रपद कृष्ण अष्टमी गुरुवार को भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्सव जन्माष्टमी पर छोटीकाशी कृष्णमय हो उठी। कहीं वंृदावन तो कहीं नंद गांव साकार हो रहा था। राजधानी का कोना कोना कृष्ण भक्ति के रंग में रंगा दिखा। घरों और मंदिरों में भगवान कृष्ण का अभिषेक कर पंजीरी का भोग लगाया गया। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। जगतपुरा के कृष्ण-बलराम मंदिर, मानसरोवर के इस्कॉन टेंंपल, वैशालीनगर के स्वामिनारायण मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे।
चारदीवारी और लंबे समय से जयपुर में निवास कर रहे लोगों के कदम सुबह से ही गोविंद देवजी मंदिर की ओर बढ़े जा रहे थे। गोविंद देवजी मंदिर की ओर जाने वाले हर रास्ते से भक्तों का रैला उमड़ रहा था। मंदिर की परिधि के एक किलोमीटर के क्षेत्र में श्रद्धा और भक्ति की उमंगे उठती दिख रही थी। भक्तों का रैला मंदिर जाने वाले रास्तों में शामिल होते ही सबका एक ही उद्देश्य था अपने आराध्य देव गोविंद देवजी के दर्शन करना। अष्टप्रहर हरिनाम संकीर्तन की स्वर लहरियों और मंदिर के मुख्य द्वार एवं निकास कुआं द्वार पर गूंजती शहनाई के बीच दर्शनार्थी आगे बढ़ते रहे।
सुबह मंगला झांकी से ही तीन बेरिकेटिंग में दर्शनार्थियों की दर्शन व्यवस्था प्रारंभ हो गई। पासधारक, आमजन प्रवेश बिना जूता-चप्पल, आमजन प्रवेश जूता चप्पल वालों को अलग-अलग बेरिकेटिंग से प्रवेश दिया गया। कई बार ऐसी स्थिति देखने को मिली कि बिना पास वाले श्रद्धालु जल्दी दर्शन कर निकल रहे थे।
31 तोपों से सलामी, आतिशबाजी
रात्रि 12 बजे 31 तोपों की सलामी और विशेष आतिशबाजी के साथ कान्हा के प्रगट होने की जैसे ही घोषणा हुई तो समूचा परिसर हर्ष मिश्रित ध्वनि और जयकारों से गूंज उठा। शालिग्राम पूजन एवं पांच द्रव्यों के पूजन बाद मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने ठाकुर श्रीजी का 425 लीटर दूध, 365 किलो दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद से तैयार से पंचामृत अभिषेक किया। गोबर और गोमूत्र से अभिषेक के बाद जड़ी-बूटियों से तैयार सर्वोषधि से अभिषेक किया गया। इसके बाद केसर मिश्रित जल से सहस्त्रधारा की गई। इस दौरान 6 पंडि़त वेद पाठ करते रहे। ठाकुरजी को पंजीरी लड्डू, खिरसा एवं रबड़ी कुल्लड़ का भोग लगाया गया। अभिषेक के बाद सभी भक्तों को नि:शुल्क पंचामृत एवं पंजीरी वितरण जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से किया गया। इससे पूर्व रात्रि 10 से 11 बजे तक गोविंद मिश्र ने कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *