JAIPUR NEWS जवाहर कला केंद्र स्थापना दिवस: JKK देश का प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र बनकर उभरा : राठौड़

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-जवाहर कला केंद्र स्थापना दिवस पर काटा केक, दी शुभकामनाएं
-तीन दिवसीय समारोह के पहले दिन लोक नृत्य, नगाड़ा-शहनाई की धुन से गूंज उठा केन्द्र
जयपुर, 8 अप्रैल (ब्यूरो): जवाहर कला केंद्र के स्थापना दिवस के 30 वर्ष पूर्ण होने पर शनिवार को केक काटकर शुभकामनाएं दी। इस मौके पर कलाकारों ने सांस्कृति कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया।
जेकेके के स्थापना दिवस पर कला प्रेमियों में जो उमंग और उत्साह है, उसकी चमक केंद्र प्रांगण में देखी गई। लोक नृत्य, कठपुतली, बहुरूपिया कलाकारों की प्रस्तुति, सुरीले स्वर और नगाड़ा-शहनाई की धुन से केंद्र गूंज उठा। तीन दिवसीय स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ गायत्री राठौड़, प्रमुख शासन सचिव, कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग ने डूडल वॉल पर शुभकामना संदेश लिखकर किया। उन्होंने बच्चों के साथ केक काटकर बधाई दी। उन्होंने चित्र संग्रह प्रदर्शनी, फोटो प्रदर्शनी और स्टोरी टेलिंग कार्यशाला एवं मृणशिल्प (मोलेला पोट्री) कार्यशाला का अवलोकन करने के साथ भागीदारी भी निभाई। गायत्री राठौड़ ने कहा कि जवाहर कला केंद्र देश का प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र बनकर उभरा है। कलाकारों ने यहां से शुरुआत कर अहम मुकाम हासिल किए हैं। प्रदेश की लोक कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और युवाओं को उनसे जोडऩे वाली गतिविधियों का भी यहां आयोजन किया जा रहा है। हर विधा के कलाकारों को यहां मंच प्रदान किया जाता है। इस दौरान उर्दू अकादमी के अध्यक्ष डॉ. हुसैन रजा खां, जवाहर कला केंद्र की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका जोधावत, क्यूरेटर लतीफ उस्ता अन्य प्रशासनिक अधिकारी व कला अनुरागी मौजूद रहे।

बच्चों ने भी बढ़चढक़र लिया भाग :
अलंकार दीर्घा में 15 अप्रैल तक जारी रहने वाली फोटो प्रदर्शनी में 100 से अधिक फोटो प्रदर्शित की गई हैं। इसमें जवाहर कला केंद्र की स्थापना से लेकर वर्तमान तक के सुनहरे सफर को अभिव्यक्त कर रही है। स्फटिक दीर्घा में 40 से अधिक पेंटिंग्स को सजाया गया है। 10 अप्रैल तक सुजस दीर्घा में चलने वाले फिल्म स्क्रीनिंग सेशन में आगंतुकों ने राज्य फिल्म अभिलेखागार, अजमेर से लायी गई एतिहासिक फिल्में देखी। मृण शिल्प (मोलेला पोट्री) कार्यशाला और स्टोरी टेलिंग कार्यशाला में हुनर सीखने का रुझान देखा गया। सभी गतिविधियों में बच्चों ने बढ़ चढक़र हिस्सा लिया। शिल्पग्राम में लगे हस्तशिल्प और पुस्तक मेले में भी आगंतुकों ने पुस्तकों के साथ दस्तकारों के उत्पादों की खरीद की।
मुंशी प्रेमचंद की कहानी का मंचन :
इधर रंगायन सभागार में अभिषेक गोस्वामी के निर्देशन में मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित नाटक बड़े भाई साहब का मंचन हुआ। यह कहानी अनुभवी ज्ञान और प्रतिभा के बीच के फासले से रू-ब-रू करवाती है। कहानी घर से दूर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने वाले दो भाइयों के इर्द-गिर्द घूमती है। बड़े भाई साहब का ध्यान किताब रटने पर रहता है तो छोटा भाई किताबों की सीख को आत्मसात करने पर विश्वास रखता है। छोटा भाई अच्छे नंबरों के साथ हर बार पास होता है और बड़े भाई साहब को विफलता का मुंह देखने को मिलता है।

इन नाटकों की होगी प्रस्तुति :
9 अप्रैल को प्रात: 10:30 से 11:30 बजे रंगायन सभागार में मोहम्मद शमीम के निर्देशन में चिल्ड्रन पपेट शो, हमारा सर्कस होगा। 9 अप्रैल को सायं 7:00 से 9:00 बजे रंगायन सभागार में सलीम आरिफ निर्देशित नाटक हमसफर मंचित होगा। 10 अप्रैल को प्रात: 11:00 से दोपहर 12:00 बजे कृष्णायन सभागार में दीपक पारीक निर्देशित चिल्ड्रन प्ले पिता के पत्र पुत्री के नाम, दोपहर 12:00 से 1:00 बजे रंगायन सभागार में आयुषी निर्देशित नाटक अकबर बीरबल और सायं 7:00 से रात्रि 9:00 बजे कृष्णायन में अनिल मारवाड़ी के निर्देशन में प्रायोगिक नाटक भेळी बात का मंचन होगा।
मांगणियार गायन के साथ सजी शाम :
जवाहर कला केंद्र स्थापना दिवस समारोह की शाम रंगायन सभागार में मांगणियार गायन के साथ सजी। मजूर खान व ग्रुप के सैंड ड्यून्स बैंड की प्रस्तुति ने श्रोताओं के दिलों पर छाप छोड़ दी। महफिल में राजस्थानी लोक गीतों के साथ सूफी तराने भी गूंजे। खास बात यह रही कि दंगल मूवी सॉन्ग फेम सरवर खान व सरताज खान मांगणियार ने सभी गीतों में साथ देने के साथ हानिकारक बापू व अन्य गीत गाए।
कबीर दास जी के भजन ना जाने तेरा साहिब कैसा के साथ प्रस्तुति की शुरुआत हुई। फिर गोरबंदश्, झिरमिर बरसे मेह, लोरी, गूंज उठे। सरवर और सरताज ने हानिकारक बापू गाकर श्रोताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसके बाद केसरिया बन्ना, सूफी अंतरा बहार की खबर, निंबूड़ा, गाकर सभी ने दाद बटोरी।

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हमसफर में हर्ष छाया और लुबीना सलीम करेंगे अभिनय
स्थापना दिवस समारोह के तहत 9 अप्रैल को सायं 7.00 से 9:00 बजे रंगायन सभागार में सलीम आरिफ के निर्देशन में होने वाला नाटक हमसफर बेहद खास रहने वाला है। एनएसडी से निकले वरिष्ठ नाट्य निर्देशक सलीम आरिफ के निर्देशन में होने वाले नाटक में अभिनेता हर्ष छाया और अभिनेत्री लुबना सलीम का अभिनय देखने को मिलेगा।

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