बम ब्लास्ट मामला: वरिष्ठ अधिवक्ता की नियुक्ति नहीं करने पर गहलोत सरकार को घेरा

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-भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा-सरकार को सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी करवानी चाहिए
जयपुर, 3 अप्रैल (विशेष संवाददाता): जयपुर में हुए बम ब्लास्ट से शहर दहल गया था और 71 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। इस घटना में 185 लोग घायल हुए तो कई जिंदगी भर के लिए दिव्यांग हो गए। सभी को उम्मीद थी कि आरोपियों को सख्त सजा मिलेगी। इसके विपरीत गहलोत सरकार ने हाईकोर्ट में प्रभावी पैरवी नहीं की ना ही वरिष्ठ अधिवक्ता की नियुक्ति की। जबकि सरकार छोटे-मोटे मामलों में एडवोकेट जनरल, व सुप्रीम कोर्ट के नामी-गिरामी वकीलों को लाखों रुपए एक-एक दिन की पैरवी के लिए देती है। बम ब्लास्ट मामले की 48 पैशी में केवल सरकार की ओर से जूनियर सरकारी अधिवक्ता उपस्थित हुआ। अतिरिक्त महाधिवक्ता व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं से पैरवी नहीं कराई। इसी का परिणाम है कि जयपुर को छलनी करने वाले आजाद हो गए।

यह आरोप भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने प्रेस कॉफ्रेंस में लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय रकबर माबलिंचिग के मामले में अलवर कोर्ट में ट्राईल के दौरान आपराधिक मामले के वरिष्ठ अधिवक्ता नासिर अली को हर तारीख पेशी पर सरकार की ओर से पक्ष रखने के लिए भेजा गया। जयपुर शहर में जब बम ब्लास्ट में 71 बेगुनाहों की जान जाती है, तो राजस्थान सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में प्रभावी पैरवी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता की नियुक्ति तक नहीं की जाती है।

विधायक इस्तीफा प्रकरण में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने याचिका दायर की तब कांग्रेस पार्टी ने विधायकों की सदस्यता बचाने के लिए सीनियर वकील खड़े कर दिए। इस प्रकरण में जब राजेन्द्र राठौड़ ने सुनवाई की मांग की तब वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसके विरोध में जमकर पैरवी की और लगातार हर सुनवाई में स्वयं मौजूद रहे।

बसपा विधायकों के असंवैधानिक रूप से कांग्रेस में विलय किए जाने के मामले में जब भाजपा विधायक मदन दिलावर ने न्यायालय में चुनौती दी, तब सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर महंगे और नामी वकील बसपा विधायकों के लिए खड़े किए। जयपुर बम ब्लास्ट मामले में सरकार ने लापरवाई की पराकाष्ठा की, सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल या कोई भी वरिष्ठ अधिवक्ता जयपुर बम ब्लास्ट की सुनावाइयों में शामिल नहीं हुआ। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने जो लापरवाही की है, पीडि़तों को न्याय दिलाने का झूंठा ढोंग बंद कर वास्तविकता में न्याय दिलाए। इसके लिए सरकार को चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट में अपील पेश करें और मजबूत पैरवी करवाए।

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