हनुमानगढ़, 20 दिसंबर : हनुमानगढ़ नगर परिषद की राजनीति में बुधवार को उस समय नया मोड़ आ गया जब नवमनोनीत सभापति के समर्थक भाजपा-कांग्रेस के 49 वार्ड पार्षद बुधवार को उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंच गए। वार्ड पार्षदों ने नगर परिषद के नवमनोनीत सभापति सुमित रणवां के नेतृत्व में नगर परिषद के कार्यवाहक आयुक्त अतिरिक्त जिला कलक्टर कपिल कुमार यादव को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा। उपसभापति अनिल खीचड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपने जिला कलक्ट्रेट पहुंचने वाले पार्षदों में भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस के कई बड़े चेहरे शामिल रहे। अविश्वास प्रस्ताव सौंपने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सभापति सुमित रणवां ने बताया कि 49 वार्ड पार्षद एडीएम के समक्ष पेश हुए हैं और उपसभापति अनिल खीचड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इनमें से 49 वार्ड पार्षद मौके पर मौजूद रहे। जबकि विधायक सहित तीन पार्षद शहर से बाहर हैं, उनका भी समर्थन हमें प्राप्त है। एडीएम की ओर से मीटिंग के लिए जो तारीख तय की जाएगी उस तारीख को सभी 49 पार्षद मीटिंग में मौजूद रहकर उपसभापति के खिलाफ इस अविश्वास प्रस्ताव को पास करवाएंगे। उसके बाद जो आदेश जिला कलक्टर की ओर से दिया जाएगा उसे पूरा करवाया जाएगा। रणवां ने कहा कि नौ या दस दिन में मीटिंग होने की उम्मीद है। उपसभापति के खिलाफ 52 से 53 पार्षद खड़े हैं। इसलिए उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने में कोई अतिश्योक्ति नहीं।
गिनती के पार्षदों के साथ सभापति की कुर्सी पर बैठने की इच्छा रखना भ्रम: रणवां
उपसभापति अनिल खीचड़ की ओर से डीएलबी के मनोनयन आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दिए जाने की चर्चाओं के सवाल के जवाब में सभापति सुमित रणवां ने कहा कि यह खीचड़ का काम है। अब सरकार बदली है। अगर उपसभापति कोर्ट में जाकर स्टे की कार्यवाही करते हैं तो शहर की जनता देख रही है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ 60 में से 49 वार्ड पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं, जिस व्यक्ति के साथ गिनती के 4 पार्षद हों और वह सभापति की गद्दी पर बैठने की इच्छा रखता हो तो यह उस व्यक्ति के लिए शर्म की बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ विकास की निरंतरता को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। जब किसी व्यक्ति के पास कुछ नहीं रह जाता तो उसे आराम से घर बैठना चाहिए। उन्हें जब अपनी मनोदशा और दूध का दूध और पानी का पानी दिखना लग जाए तो उस व्यक्ति को हाथ-पैर नहीं मारने चाहिए। उन्हें अपने घर बैठना चाहिए परंतु उसके बावजूद उपसभापति यह चाह रहे हैं कि सभापति की गद्दी उन्हें मिले तो कोर्ट में बैठे न्यायाधीश भी तथ्यों के आधार पर ही कोई निर्णय लेंगे।’
सोने की थाली में से हटे पीतल की कील
पूर्व पार्षद गौरव जैन ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ समय से उपसभापति अनिल खीचड़ की ओर से पिछले करीब एक साल से नगर परिषद के कार्यों में अड़ंगा किया जा रहा है। यही कारण है कि आज उन्हें हटाने के लिए 49 से अधिक वार्ड पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर खड़े हैं। शेष एक साल में नगर परिषद बोर्ड का कार्य सही तरीके से हो, इसलिए सोने की थाली में से पीतल की यह कील हटनी चाहिए और सरकार के साथ ही उपसभापति बनना चाहिए।
दो दिन पहले सुमित रणवां ने संभाला था सभापति का पदभार
उल्लेखनीय है कि गणेश राज बंसल ने विधायक निर्वाचित होने के बाद सभापति पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद नए सभापति को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। नगर परिषद सभापति की खाली पड़ी कुर्सी पर दो दिन पहले सोमवार को ही राज्य सरकार की ओर से सुमित रणवां का मनोनयन किया गया था। डीएलबी ने 60 दिवस या राज्य सरकार की ओर से प्रदत्त आगामी आदेश जो भी पूर्व हो, तक के लिए कार्यभार ग्रहण करने के लिए सुमित रणवां को अधिकृत किया। इस संबंध में राज्य सरकार के स्वायत शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव ने आदेश जारी किए थे। राज्य सरकार की ओर से नए सभापति के नाम का एलान करने के बाद सोमवार को नवमनोनीत सभापति सुमित रणवां ने पदभार ग्रहण किया। सुमित रणवां कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुनाव जीतकर पार्षद चुने गए थे।
यह वार्ड पार्षद और प्रतिनिधि रहे मौजूद
उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपने जिला कलक्ट्रेट पहुंचने वाले वार्ड पार्षदों में नगर परिषद की पूर्व उपसभापति नगीना बाई, राजेन्द्र चौधरी, मनोज सैनी, नेता प्रतिपक्ष बलराज सिंह दानेवालिया, संतोष बंसल, मंजू रणवां, अब्दुल हाफिज, अर्चित अग्रवाल, गुरदीप ङ्क्षसह, प्रमोद सोनी, प्रमिला सोनी, मंजू ढाका, परमिन्द्र कौर, अंजना जैन, शेरसिंह ढिल्लों, लीलाधर पारीक, विजेन्द्र साईं, रूपेन्द्र यादव, भूपेन्द्र नेहरा, संजय सांसी, सिंगाराम भाट, सुरेश धमीजा, प्रदीप मित्तल, कौरसिंह खोसा, सुरेन्द्र गोंद, सौरभ सिंह, अजमेर सिंह, पार्षद प्रतिनिधि गौरव जैन, मुकेश भार्गव, प्रेम नायक, रमजान आदि मौजूद रहे।
2023-12-20