जो कांग्रेस-भाजपा के खिलाफ है उससे हम गठजोड़ कर सरकार बनाएंगे : बेनीवाल

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-सचिन को भी अलग होकर अपनी पार्टी बनाने की दी सलाह
-कांग्रेस-भाजपा दोनों ने प्रदेश को लूटा अब जनता परिवर्तन चाहती है
जयपुर, 7 अप्रैल (विशेष संवाददाता): राजनीति बयानों के चलते प्रदेश की सियासत उबल रही है। अब आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने नया बयान देकर कांग्रेस-भाजपा दोनों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। उन्होंने अपने दिए बयान में कहा कि कांग्रेस में हो रहे बार-बार अपमान के चलते सचिन पायलट को अब अलग होकर अपनी पार्टी बनाना चाहिए। उनके साथ हम गठजोड़ करेंगे। साथ ही जितनी भी क्षेत्रीय पार्टियां हैं मैं उन सभी से कहता हूं कि कांग्रेस-भाजपा से मुक्ति चाहिए तो हम सभी को एक हो जाना चाहिए। प्रदेश की जनता भी कांग्रेस-भाजपा से मुक्ति चाहती है और इसके लिए अब तीसरे मोर्चा की आवश्यकता है। चुनाव परिणाम आएंगे तो यह तीसरा मोर्चा ही पहला मोर्चा बनकर सत्ता की कुर्सी तक पहुंचेगा। बेनीवाल के इस बयान के बाद राजनीति सरगर्मी बढ़ गई है। हालांकि बेनीवाल पहले भी साफ कर चुके हैं कि वह कांग्रेस व भाजपा दोनों में से किसी के साथ भी गठजोड़ नहीं करेंगे।
आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल का कहना है कि कांग्रेस ने सचिन के साथ गलत किया और अब उनको भी अलग होकर अपना दल बनाना चाहिए। उनके पिता तो बड़े नेता थे और कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। हम तो कभी सत्ता में नहीं रहे, लेकिन 40 साल से अधिक समय से राजनीति के मैदान में है। हमेशा विपक्ष में रहे और अपने सिद्धांत व खुदारी की लड़ाई लड़ी है। यदि अलग पार्टी बनी और तीसरा मोर्चा बना तो प्रदेश में जबरदस्त मुकाबला होगा। कांग्रेस व भाजपा दोनों ही काफी पीछे चलीं जाएंगी। दोनों ही पार्टी में गुटबाजी है और भाजपा में तो सीएम की कुर्सी को लेकर जबरदस्त रार है, यहां हर कोई सीएम बनना चाहता है। यदि क्षेत्रीय दल एक हुए और गठजोड़ हुआ तो दोनों पार्टी चुनावी मैदान से बाहर हो जाएंगी। हमारी कोशिश है कि जिस क्षेत्रीय पार्टी की जहां पर पकड़ है वह वहां से चुनाव लड़े और गठजोड़ कर दोनों पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाएं। बेनीवाल कहते हैं कि जवान व किसान बदलाव चाहता है, अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, प्रदेशवासी भी दोनों पार्टी से उब चुके हैं और तीसरा मोर्चा समय की मांग है। यदि हमारा तीसरा मोर्चा बना तो दो करोड़ से अधिक वोट आएंगे और सत्ता की कुर्सी पर काबिज होंगे।
क्या हैं सियासी मायने :
बेनीवाल पहले भी गठजोड़ व तीसरा मोर्चा की वकालत कर चुके हैं। हाल ही में आप सुप्रीमो व दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब सीएम भगवंत मान, सांसद संजय सिंह आदि की बेनीवाल से मुलाकात हुई। बताया जाता है कि इसमें भी गठजोड़ को लेकर चर्चा हुई। कारण केजरीवाल ने जयपुर में जो तिरंगा यात्रा निकाली थी, उसमें लोगों का उत्साह कम था और संख्या भी सीमित थी। इसी के चलते कयास लगाए जा रहे हैं कि आप पार्टी भी गठजोड़ को लेकर मंथन कर रही है। बेनीवाल पहले ही भाजपा-कांग्रेस से गठबंधन नहीं करने की बात कह चुके हैं। इस स्थिति में प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनता है, तो निश्चित रूप से कांग्रेस-भाजपा के लिए सत्ता की कुर्सी काफी दूर हो जाएगी। सचिन को सलाह देने के पीछे बेनीवाल की सोच है कि उनकी गुर्जर के साथ ही यूथ पर काफी पकड़ है और यदि वह गठजोड़ करे तो तीसरा मोर्चा निश्चित रूप से सफल होगा। तीसरा मोर्चा की कवायद के चलते ही कांग्रेस-भाजपा में सरगर्मी तेज हो गई है।

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