Good News: अब खातेदारों को नहीं काटने पड़ेंगे पटवारी और तहसीलदार के चक्कर

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राजस्थान में खेत या जमीन खरीदने वाले खातेदारों को खरीदी हुई जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद जमाबंदी में म्यूटेशन दर्ज करवाने के लिए तहसील कार्यालय अथवा पटवार घरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

भोपालगढ़। आमतौर पर किसी व्यक्ति या किसान को कोई दूसरे का खेत या जमीन की खरीद करने पर उसकी जमाबंदी में बेचान करने वाले पुराने खातेदार की जगह अपना नाम दर्ज करवाने के लिए म्यूटेशन भरवाना पड़ता है और इसके लिए उन्हें पटवारी से लेकर तहसीलदार कार्यालय तक के कई चक्कर भी काटने पड़ते हैं। लेकिन अब प्रदेश में खेत या जमीन खरीदने वाले खातेदारों को खरीदी हुई जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद जमाबंदी में म्यूटेशन दर्ज करवाने के लिए तहसील कार्यालय अथवा पटवार घरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

इसको लेकर राज्य सरकार के राजस्व विभाग ने हाल ही में 14 दिसंबर को एक आदेश जारी कर रजिस्टर्ड दस्तावेज के आधार पर स्वयं नामकरण भरने की प्रक्रिया शुरू कर आमजन को बड़ी राहत देने का काम किया है। इसके तहत जमीन के खातेदार को अपनी खरीदी हुई जमीन की रजिस्ट्री करवाने के बाद ऑटो सॉफ्टवेयर के माध्यम से जमाबंदी में उसके नाम से ऑनलाइन म्यूटेशन दर्ज हो सकेगा। यह नवीन सहूलियत भरी प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होगी।

दूसरी ओर राजस्व विभाग के जानकारों के अनुसार सरकार की ओर से लागू किए गए नए सॉफ्टवेयर में ऑटो जमाबंदी में म्यूटेशन दर्ज होने के संबंध में कुछ बातों को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। साथ ही अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है, कि आखिर वाद-विवाद वाली जमीन के खातेदारों की रजिस्ट्री होने के बाद जब उनका भी ऑटो म्यूटेशन दर्ज हो जाएगा, तो फिर इसका विवाद सामने आने पर इस समस्या का समाधान कैसे हो पाएगा?

लेकिन इसको लेकर कुछ अधिकारियों का मानना है कि आदेश में विभिन्न न्यायालयों की ओर से जारी स्थगन आदेश वाली एवं बैंक ऋण से प्रभावित रहन वाली कृषि भूमियों का ऑटो म्यूटेशन व जमाबंदी में इंद्राज नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए भी सॉफ्टवेयर में व्यवस्था करने तथा इसको लेकर कायदे तय करने के लिए भी विभाग के कुछ प्रशिक्षित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। इसके आधार पर ही ऑटो म्यूटेशन होगा।

नवीन आदेश के मुताबिक पंजीयन व मुद्रांक विभाग में सब रजिस्टार अथवा तहसीलदार कार्यालय में जमीन बेचान की रजिस्ट्री होने के साथ ही ई-धरती पोर्टल से म्यूटेशन के दस्तावेज ऑटो रूप में अपनेआप बन जाएंगे। इसके बाद ऑनलाइन ही रेवेन्यू बोर्ड के रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार के सर्वर से ऑटो स्वीकृत कर दिया जाएगा और दस्तावेज स्वीकृत होने के बाद संबंधित खसरे की जमाबंदी में ऑनलाइन ऑटो म्यूटेशन दर्ज हो जाएगा।

राजस्व विभाग की ओर से जमीनों के म्यूटेशन को लेकर लागू की जा रही नई व्यवस्था धरातल पर सही तरीके से लागू होने पर जमीन के खातेदारों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही इस व्यवस्था में खातेदारों को सरकारी दफ्तरों के बार-बार चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे और लोगों का समय भी बचेगा।
– रामेश्वरराम छाबा, तहसीलदार, भोपालगढ़

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