गैरहाजिर कर्मचारी ने कोरम पर किया फर्जी साईन ,मामला गरमाने पर पार्षदों ने दर्ज कराया विरोध

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अजमेर, 1 अप्रैल : ब्यावर नगर परिषद में एक सरकारी कर्मचारी के ड्यूटी से अनुपस्थित होने के बावजूद परिषद में आयोजित ऐंपावर्ड कमेटी की बैठक में हस्ताक्षर करने का मामला सामने आया है। परिषद में व्याप्त इस प्रकार की अंधेरगर्दी की जानकारी मिलने पर कांग्रेस पार्षद दलपतराज मेवाडा और पूर्व सभापति गोविन्द पंडित नगर परिषद पहुंचे। ब्यावर नगर परिषद में एक सरकारी कर्मचारी के ड्यूटी से अनुपस्थित होने के बावजूद परिषद में आयोजित ऐंपावर्ड कमेटी की बैठक में हस्ताक्षर करने का मामले पर विरोध दर्ज कराया।
परिषद में व्याप्त इस प्रकार की अंधेरगर्दी की जानकारी मिलने पर कांग्रेस पार्षद दलपतराज मेवाडा और पूर्व सभापति गोविन्द पंडित नगर परिषद पहुंचे और आयुक्त गुरदीप सिंह से मुलाकात कर इस प्रकार के कृत्य पर अपना विरोध प्रकट किया। इस दौरान मेवाडा ने परिषद की कर्मचारी उपस्थिति पंजिका और ऐंपावर्ड कमेटी की बैठक के कार्रवाई रजिस्टर को पेश करते हुए सवाल खड़ा किया कि जब संबंधित कर्मचारी ड्यूटी पर ही नहीं है तो उसने बैठक की कार्रवाई में हस्ताक्षर कैसे किए। जब अधिकारियों और कर्मचारियों का कोरम ही पूरा नही है तो फिर बैठक कैसे हो गई। इस पर आयुक्त गुरदीप सिंह ने संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इस बाबत एक नोटिस जारी कर इसका जवाब पेश करने के निर्देश दिए है। इस बारे में पार्षद मेवाडा ने बताया कि नगर परिषद ब्यावर में भ्रष्टाचार चरम पर है।

परिषद कर्मचारी राज्य सरकार की योजनाओं की क्रियान्विति करने के बजाए अपने नीजी स्वार्थ पूरा करने में लगे हुए हंै। परिषद सरकार की मंशानुरूप प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत जिन लोगों को लाभान्वित किया जाना चाहिए था उस लक्ष्य में भी विफल रही है। मेवाडा ने बताया कि भ्रष्टाचार के मामले में गत दिनों हद ही पार हो गई। उन्होंने बताया कि नगर परिषद में एटीपी के पद पर कार्यरत सरकारी कर्मचारी कमल शेखावत विगत सात दिनों से ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहे है। जिसके चलते उपस्थिति पंजिका में उनका कॉलम खाली चल रहा है।
लेकिन मजे की बात यह है कि प्रशासन शहरों के अभियान के तहत जरूरतमंदों को पट्टे जारी करने के लिए 29 मार्च को आयोजित ऐंपावर्ड कमेटी की बैठक में एटीपी शेखावत के हस्ताक्षर है। इससे साफ जाहिर होता है कि नगर परिषद में भ्रष्टाचार पनप रहा है। मेवाडा ने बताया कि संबंधित कर्मचारी के खिलाफ परिषद आयुक्त की और से की गई कार्रवाई को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।

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