रिश्वत खाने वाले पुलिस अफसरों की जांच प्रारम्भ,आडियो और वीडियो जांच अधिकारी को सुपुर्द

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भ्रस्टाचार निरोधक विभाग के आला अफसरों द्वारा रिश्वत बटोरने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है । मुख्यमंत्री भजनलाल ने स्वयं हस्तक्षेप करते हुए इस महा भ्रस्टाचार कांड की जांच उच्च स्तर पर कराने का निर्देश दिया है । रिश्वत बटोरने वाले अफसरों को अब कई तरह की मुसीबतों से रूबरू होना पड़ सकता है । उधर इस कांड को उजागर करने वाले पुलिसकर्मी ने अपने बयान एसीबी दर्ज कराते हुए सभी पुख्ता सबूत एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ललित किशोर को सौप दिए है ।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज सुबह आश्वस्त किया था कि दस लाख की रिश्वत खाने वाले भ्रस्टाचार निरोधक विभाग के अफसरों को किसी भी हालत में बख्शा नही जाएगा । उन्होंने इस मम्मले को गंभीरता से लेते हुए पीड़ित पुलिसकर्मी को हर प्रकार की सुरक्षा का आश्वासन भी दिया और भरोसा दिलाया कि जांच में किसी तरह की कोताही नही बरती जाएगी ।

ज्ञातव्य है कि पुलिसकर्मी सतपाल पारीक ने कल मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी । आज प्रातः पारीक ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रिश्वत खाने वाले एसीबी के अधिकारियों के भ्रस्ट क्रियाकलापो से अवगत कराते हुए सुरक्षा की मांग की । मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इस प्रकरण में यथोचित कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नही जाएगा ।

पारीक ने मुख्यमंत्री को सौंपे पत्र में अवगत कराया कि सरदार सिंह का नाम रिश्वत प्रकरण से निकालने की एवज में व न्यायालय में 169 सी आर पी सी के तहत रिहाई रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करने के संबंध में एसीबी के कई भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा 10 लाख रुपए रिश्वत राशि प्राप्त की गई जिसके पुख्ता उसके पास है । वह इस संबंध में कई बार सम्बन्धित अधिकारियों को शिकायत कर चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई । अब न्यायालय के निर्देश पर जांच के उसे तलब किया गया है ।

पारीक ने आरोप लगाया कि भ्रष्ट अधिकारी भगवान लाल सोनी (तत्कालीन डीजी, एसीबी) एम एन दिनेश (एडीजीपी) विष्णु कांत (डीआईजी) सुरेश स्वामी (डीवाईएसपी) एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने हेड कांस्टेबलर सरदार सिंह व कांस्टेबल प्रताप सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार विभाग में 10 लाख रुपए रिश्वत लेने व देने के संबंध में भ्रष्टाचार विभाग के इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई थी और सबूत के तौर पर आडियो और वीडियो भी पेश किया ।

पारीक का आरोप है कि उसके द्वारा कथित भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायत किये जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों की ओर से उसकी कार का एक्सीडेंट करवा कर जान से खत्म करने का प्रयास किया जा चुका है ।
पारीक की शिकायत पर उक्त अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायत पर न्यायालय के आदेश से एफआईआर संख्या 38/2023 दर्ज की गई । इस संबंध में भ्रष्टाचार विभाग द्वारा पारीक से पूछताछ व बयान लेख बद्ध करने के लिए भ्रष्टाचार विभाग मुख्यालय के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ललित किशोर शर्मा ने आज मय गवाह और सबूत के तलब किया था । पारीक ने गवाहों सहित स्वयं के बयान पंजीबद्ध करा दिए है ।

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