मेरिट से मिलेंगे टिकट, गठबंधन नहीं अकेले लड़ेगी कांग्रेस : पायलट

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-गठबंधन को लेकर प्रदेश में चल रहीं अटकलों पर सचिन ने लगाया विराम
-टिकट का क्राइटेरिया मतलब जीतने वाले को टिकट देना ही है

जयपुर, 2 अक्टूबर : टिकट वितरण पूरी तरह मेरिट पर होगा और इसमें तेरा-मेरा नहीं चलेगा। इसको खत्म करना होगा, जो धरातल पर मजबूत और जिताऊ उसे ही टिकट देना चाहिए। प्रदेश में गठबंधन के बजाय कांग्रेस को अकेले चुनावी मैदान में उतरना चाहिए। हमारे पर्यवेक्षक गांव-गांव, ढाणी-ढाणी जा रहे हैं, फीडबैक ले रहे हैं और जिसकी जीतने की संभावना अधिक होगी उसे ही टिकट दिया जाना चाहिए।

यह बात पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा। उन्होंने गठबंधन के बजाय अकेले चुनाव लडऩे की पैरवी करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन राष्ट्रीय स्तर का गठबंधन है और यह प्रदेश में शायद ही लागू होगा। कार्यकर्ता हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और वह हमारे साथ हैं, तो फिर जीतने में कोई संशय नहीं। टिकट का क्राइटेरिया यह है कि हमें जीतने वाले को टिकट देना है। जो जीतने की क्षमता रखता है, उसको पार्टी सिंबल देगी। जिसको टिकट नहीं मिलेगा, वह पार्टी उम्मीदवार को जितवाने में लगेगा। पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं को साध रही है। कहीं छोटा-मोटा करेक्शन करना है तो लगातार कर रहे हैं। राहुल गांधी का व्यक्तिगत रूप से राजस्थान पर पूरा ध्यान केंद्रित है। दोबारा सरकार बनेगी, इस तरह पार्टी मजबूत है और जीतने की स्थिति में है। चुनाव का समय है। कुछ लोग पार्टी छोड़ेंगे, कुछ जॉइन भी करेंगे, यह व्यक्ति का निर्णय होता है। सही है या गलत निर्णय है, यह जनता तय करेगी।

यूथ पर दाव लगाएगी पार्टी
युवाओं को मौका देने के सवाल पर पायलट ने कहा कि जब फाइनल लिस्ट आएगी, तब आप देखिएगा कि जीतने वाले युवाओं को पिछली बार मौका दिया था। उससे ज्यादा युवाओं को मौका इस बार दिया जाएगा। विनेबिलिटी सबसे बड़ा क्राइटेरिया होगा। हम नौजवान, एससी, एसटी, ओबीसी और दलित सब लोगों को प्राथमिकता देंगे। हम विनेबिलिटी को इग्नोर नहीं कर सकते। इसलिए गहन रूप से चर्चा हो रही है। अध्ययन हो रहा है। अलग-अलग फीडबैक ले रहे हैं। हम रिपीट करेंगे और 2024 का लोकसभा चुनाव में बहुमत लेकर सरकार बनाएंगे। सरकार और संगठन मिल-जुल कर काम कर रहे हैं।

भाजपा के पास विजन नहीं
सचिन ने कहा कि भाजपा के पास कोई विजन नहीं है। सदन के भीतर और अंदर बीजेपी कोई विजन जनता के सामने नहीं रख पाई है। केवल विवादित मुद्दों को उठाकर और मंदिर-मस्जिद, हिंदू-मुसलमान पर चर्चा करके लोगों का ध्यान डायवर्ट कर रहे हैं। देश में लोग क्या चाहते हैं, उस पर चुप्पी साधी हुई है।

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